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प्रेतवाद 1SG 144

मैंने भ्रम पैदा करने वाली चालाकी शैतान में देखा। शैतान को यह शक्ति या क्षमता प्राप्त है कि वह मरे हुए मित्र या परिजनों के रूप को हमारे सामने लाकर उपस्थित कर दें। वह उन मरे हुए मित्रों या सम्बन्धित लोगों को ऐसी स्थिति में दिखायेगा, उनसे उन्हीं के स्वर में बात करायेगा जब वे जीवित दशा में थे। ऐसा लगेगा कि हम उनसे बात कर रहें हैं। ये सब काम तो दुनियाँ के लोगों को ठगने का है और इस भ्रम-जाल में फँसा कर उस पर विश्वास करवाना है। 1SG 144.1

मुझे बताया गया कि ऐसी स्थिति में ईश्वर के लोगों को वत्र्तमान सच्चाई सम्बन्धी पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। उन्हें बाईबिल से यह ज्ञान हासिल कर लेना चाहिए। मृतकों की दशा से उन्हें पूरा परिचित रहना है। क्योंकि शैतान की आत्मा उनके सामने, उनके सगे-सम्बन्धी और मित्रों के रूप में हाजिर होगी और बातें करेंगी। वे भरसक अपनी शक्ति से सहानुभूति प्रगट कर उनके सामने आश्चर्य कर्म भी करेंगे और कहेंगे उसे कर दिखायेंगे। ईश्वर के लोगों को इनका सामना बाईबिल की बातों से करना चाहिये। क्योंकि इसमें कहा गया है कि मरे हुए लोग कुछ भी नहीं जानते सभोपदेशक ९:१५ ऐसा काम करने वाला तो भूत और शैतान ही है। 1SG 144.2

मुझे दिखाया गया कि हमें अपनी आशा और विश्वास की नींव को ठीक से पहचानना है। इस का कारण हमें बाईबिल से देना होगा। इस प्रकार की भ्रमक शिक्षा को हम फैलते देखेंगे। इसका हमें खुल कर विरोध करना है। जब हम तैयार नहीं रहेंगे तो जाल में फँस कर उसके अधीन हो जायेंगे। हमारे सामने जो इस तरह के भ्रमित विश्वास लाये जायेंगे तो उसका सामना करने के लिये हमें सदा तैयार रहना चाहिए। यदि ऐसा करेंगे तो ईश्वर अपनी शक्तिशाली भुजाओं से हमारी रक्षा करेगा। हमारे ठगे जाने और शैतान के द्वारा लिए जाने के पहले ईश्वर स्वर्ग से दूतों को भेज कर हमारे चारों ओर घेरा डाल कर बचा लेगा। 1SG 144.3

मुझे दिखाया गया है कि यह भ्रम बहुत जल्दी चारों ओर फैलता जा रहा है। इसका फैलाव को मुझे बिजली से चलती हुई रेलगाड़ी के समान दिखाया गया है। 1SG 145.1

दूतों ने मुझे बताया कि सावधानी से देखो। तब मैंने आँख उठा कर उस रेलगाड़ी की ओर देखा। ऐसा दिखाई दिया कि दुनिया के सब लोग उस पर सवार हुए हैं। उसने मुझे दिखाया कि इस गाड़ी का चालक अच्छा आदमी की तरह दिखाई दिया जिसे देख कर सब यात्री आदर करने लगे। मैं ताज्जुब होकर अपने रखवाला दूत से पूछने लगी कि यह कौन है? तब उत्तर मिला - यह कोई दूसरा व्यक्ति नहीं पर शैतान है। वह ज्योति-दूत के रूप में ड्राईवर या चालक है। उसने दुनिया को कैद कर लिया है। वे शैतान के बहुत भारी भ्रम में पड़ गए हैं। वे उस पर विश्वास कर रहे हैं। वे विनाश की ओर जा रहे हैं। उसके ऐजेन्ट लोग इसके बाद दूसरा नम्बर में आते हैं वे इंजीनियर हैं। इसके दूसरे एजेन्ट लोग उसकी जरूरत के मुताबिक दूसरे कार्यालयों में हैं। ये सब के सब बिजली की गति से विनाश या नरक की ओर जा रहे हैं। मैंने स्वर्गदूत से पूछा - क्या कोई नहीं बचा है, जो नहीं जा रहा है? उसने उत्तर दिया - इसके विपरीत दिशा की ओर देखो। तब मैंने एक छोटा दल (झुंड) को संकीर्ण (पतला) रास्ता पर चलते देखा। ऐसा दिखाई दिया कि सब लोग एकता की बन्धन में हैं और सच्चाई रूपी रस्सी में बँधे हुए हैं। 1SG 145.2

यह छोटा दल चिन्ताओं से भरा हुआ दिखाई दिया मानो कि वे बहुत कठिन परीक्षा और संघर्ष से गुजर रहे हैं। ऐसा लग रहा था कि अभी सूर्य बादल से निकल कर उनके चेहरों पर रोशनी डाल रहा था और उन्हें विजय का संकेत दे रहा था कि अब वे जीत की सीमा पर पहुँच गए हैं। 1SG 146.1

मुझे दर्शाया गया कि प्रभु ने जगत के लोगों को इस भ्रम जाल से खोज-खबर ले कर पता लगाने का अवसर दिया है। यदि इसका पता लगा कर जानने के लिए और कोई दूसरा उपाय नहीं मिला है तो मसीहियों के लिए यह एक प्रमाण है। सच्चाई और झूठ के बीच शैतान ने कोई फर्क नहीं बताया। पर इस बात (बैबल) से हम जानते हैं कि सत्य क्या है? और झूठ क्या है? 1SG 146.2

थोमस पेन मर कर मिट्टी में मिल गया। उसे १००० वर्ष के बाद जी उठ कर अपना प्रतिफल पाना था। वह था दूसरी मृत्यु का दंड। उसको शैतान ने ऐसा दिखाया कि वह स्वर्ग में है। उसे वहाँ सम्मानित किया गया। शैतान ने उसको इस पृथ्वी पर जीवन भर अपना काम (भरमाने का काम) कराया। अब वह स्वर्ग में भी वही थोमस पेन का रूप में अपना काम करके सम्मानित है। वह वही काम कर रहा है जो पृथ्वी पर करता था। शैतान उसे ऐसा दिखा रहा है जैसा कि वह स्वर्ग में सिखाने का काम कर रहा है। जब पृथ्वी में था तो लोग उसका काम को भयभीत होकर देखते थे क्योंकि उसकी शिक्षा में सच्चाई नहीं थी। उसकी मृत्यु भी भयानक रूप से हुई थी। वह व्यक्ति जो ईश्वर से त्यागा हुआ था और मनुष्यों में भ्रष्टाचार था। उसको वहाँ (स्वर्ग में) सिखाने का काम करते शैतान ने दिखा कर लोगों को भ्रम जाल में डाला है। शैतान, जो झूठ का पिता है वह अपने दूतों को प्रेरितों के रूप में बोलने भेजता है। वह कहता है कि जब प्रेरित जगत में थे तो उन्होंने ऐसा संवाद दिया जो बाईबिल का एक बचन दूसरा से विपरीत बोला है। इन वचनों को पवित्रात्मा के द्वारा ही दिया गया है। ये झूठे दूत प्रेरितों को तथा उनकी शिक्षाओं को भ्रष्टाचार बता कर उन्हें भी पथभ्रष्ट कहा है। इस प्रकार का भ्रम पैदा कर नामधराई मसीहियों के पास आता है और सारा संसार में ईश्वर का वचन के विरूद्ध बोलता है। इस प्रकार का मत से सीधा आक्रमण कर अपना जाल फेंकता है। इस तरह से लोग बाईबिल को ईश्वर की ओर से दी गई है, उसे सन्देह करते हैं। उसके बाद वह नास्तिक थोमस पेन को उदाहरण के रूप में ला कर उसके मरने पर भी स्वर्ग में ले लिया गया, कहता है। जब वह जगत में था तो प्रेरितों से घृणा करता था पर अभी स्वर्ग में उनके साथ मिल गया है। वे दुनिया को शिक्षा देने के लिये दिखाई देते रहते हैं। 1SG 146.3

शैतान अपने हर दूतों को इस जगत में कुछ न कुछ काम करने के लिये नियुक्त करता रहता है। वह उन्हें चतुर, चालाक और धूर्त बनने की सलाह देता है। वह किसी प्रेरित बन कर वैसा ही काम करने और बोलने कहता है। जबकि दूसरों को नास्तिक और दुष्ट व्यक्ति बन कर ईश्वर को स्त्राप देने कहता है। पर अभी अपने को बहुत धर्मी दिखाते हैं। बहुत धर्मी प्रेरितों और दुष्ट नास्तिकों के बीच कोई अन्तर नहीं दिखाता है। उन दोनों को एक ही तरह की शिक्षा देने का काम दिखाता है। इस बात की कोई परवाह नहीं कि शैतान किस से बात करायेगा, जब की उसका लक्ष्य पूरा हो जाये। वह पेन के साथ जगत में बहुत घनिष्ट सम्बन्ध रखता था। उसने उसकी मदद भी की। जो, वह बात बोलता था उसे जानने के लिए इसको आसान हो गया था। उसका एक भक्त चेला जो लिखता था उसको भी पहचानने में आसान था। इसलिए उसने अच्छी तरह से अपना उद्देश्य को पूरा किया। शैतान उसी का हस्तलिपि को व्यवहार में लाता है। अभी अपने दूतों के द्वारा उसी का विचार को लिखवाता है कि यह थोमस पेन की ओर से आया है। जब वह पृथ्वी पर था तो वह उसका विश्वस्त चेला था। यह उसका प्रमुख जरिया था। ये सारी शिक्षाएँ ऐसी दिखाई गई हैं कि मानो प्रेरितों और सन्तों की ओर से आयी हैं साथ में उन दुष्टों से भी जो इस धरती पर थे अभी मर गये हैं। ये सब सीधे शैतान की करिश्मा से आये हैं। 1SG 147.1

शैतान के अंधकार के कामों और आश्चर्य कर्मों को खोजने और जानने के लिये लोगों के लिये यह काफी प्रमाण दिये जाते हैं। उसने एक व्यक्ति को पाया और उसे बहुत प्यार भी किया। पर वही व्यक्ति ईश्वर से घृणा करता था। पर उसे पवित्र प्रेरितों और दूतों के साथ सम्मानित रूप से दिखाया। वह क्रिश्चियन और नास्तिक जगत में बहुत प्रभावशाली ढंग से प्रचार कर रहा है। वह यह भी कहता है - “कोई परवाह नहीं चाहे तुम दुष्ट या पापी बने रहो, कोई परवाह नहीं चाहे, तुम ईश्वर और बाईबिल पर विश्वास रखो या नहीं, जैसा तुम चाहते हो वैसा जीवन बिताओ, आखिरकार स्वर्ग में तुम्हें जगह मिलेगी ही। क्योंकि सब जानते हैं कि थोमस पेन दुष्ट होकर भी स्वर्ग में है तो तुम्हें भी निश्चय स्वर्ग मिलेगा”। यह इतना उज्जवल या स्पष्ट है कि यदि वे चाहें तो इसे देख सकते हैं। शैतान जब से स्वर्ग से नीचे आया है यही ठग विद्या का काम कर रहा है। थोमस पेन जैसे लोगों को अपने कब्जे में कर लोगों को धोखा दे रहा है। वह अपनी शक्ति और झूठा आश्चर्य कर्म के द्वारा मसीही नींव की जड़ को हिला रहा है। स्वर्ग जाने का सकरा मार्ग की ज्योति को भी बुझा रहा है जिससे वे मार्ग से भटक जाएँ। वह जगत को विश्वास दिला रहा है कि बाईबिल एक साधारण कहानी किताब है, ईश्वर प्रेरित वचन इसमें नहीं हैं। इसके बदले दूसरी किताब का प्रचार कर रहा है, वह तो “प्रेतवादी प्रकाशन” की किताब हैं। 1SG 148.1

यह जरिया शैतान की देख-रेख में पूर्ण रूप से चल रहा है और वह जगत को विश्वास दिला रहा है कि वह क्या कर सकता है? इसके द्वारा! जिस किताब के द्वारा उसका और उसके चेलों का न्याय होगा उसे वह ऐसा अंधकार स्थान में रखवाता है जिसे (बाईबिल को) कोई नहीं पढ़ता है। जगत का उद्धारकत्र्ता यीशु को एक साधारण आदमी सा मनवाता है। जब रोम सिपाही यीशु की कब्र में पहरा देते थे तो उनके द्वारा यह झूठी रिपोर्ट फैलाई गई कि उसके चेले आकर यीशु की लोथ को उठा कर ले गए। उसके सामथ्र्य से जी उठने की कहानी को उस जमाने के फारसी और शासकों ने छिपा दिया। अमीरों, गरीबों और बुद्धिजीवी सब को शैतान ने अपनी यही किताब “प्रेतवाद प्रकाशन” से ही भ्रम में डाल दिया है। वह इस किताब के द्वारा ठग रहा है कि यीशु का जन्म, मरण और पुनरूत्थान में कोई विशेषता नहीं है। इस प्रकार यीशु को बाईबिल के साथ अंधकार जगह में रख देते हैं और जगत को अपना झूठा आश्चर्य कर्म को दिखाकर उसकी बड़ाई करवाते हैं। यीशु के आश्चर्य कर्म से इसकी बड़ाई अधिक करते हैं। इस प्रकार जगत को शैतान ने अपने जाल में रख कर सुरक्षा देने की प्रतिज्ञा की है। लोगों को इसका पता तब तक नहीं लगेगा जब तक कि सांन्तवा स्वर्गदूत अपनी विपत्ति नहीं उंडेलेगा। शैतान अपनी सफलता देख कर कि उसने सारा संसार को अपने जाल में फँसा रखा है, हँसता है। 1SG 149.1