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पाठ ११ - ख्रीस्त का स्वर्गारोहण GCH 53

सारा स्वर्ग यीशु के आने की प्रतीक्षा कर रहा था। स्वर्ग दूतगण महिमा का राजा को ले जाने के लिये तैयार थे। यीशु अपने चेलों को आशीर्वाद देने के बाद स्वर्ग चला गया। जब वह स्वर्ग जा रहा था तो उस भीड़ के लोगों को भी स्वर्ग ले गया जिन्हें उसने जिलाये थे। बहुत से स्वर्गीयजन और दूतगण उसके स्वर्ग आगमन की प्रतीक्षा कर रहे थे। जब वे पवित्र नगर की ओर जा रहे थे - अगुवाई करने वाले दूत जोर-जोर से कहने लगे - हे फाटको और दरवाजों अपने सिर ऊँचा करो क्योंकि महिमा का राजा प्रवेश कर रहा है। जो दूत प्रतीक्षा कर रहे थे वे खुशी से कहने लगे - वह कौन महिमा का राजा है ? अगुवाई करने वाले दूत विजय के स्वर में कहने लगे - प्रभु जो बलवान और महान है! युद्ध का शूरवीर! हे फाटको सिर ऊँख करो! हे अनन्तकाल का दरवाजा तू भी अपना दरवाजा चौड़ा कर क्यों कि महिमा का राजा आ रहा है। फिर स्वर्ग के दूत पुकार उठे - कौन महिमा का राजा आ रहा है? अगुवानी करने वाले दूत बोल उठे - सेनाओं का प्रभु ! वही महिमा का राजा है! इस प्रकार स्वर्गीय दल पवित्र नगर में प्रवेश किया। सब स्वर्गीय दूतों ने अपना महान नेता, ईश्वर का पुत्र को घेर लिया और अपने-अपने चमकीले मुकुट को उतार कर उसे झुक कर दण्डवत किया। इसके बाद उन्होंने अपने स्वर्ण वीणा से मधुर स्वर से गीत बजा कर सारा स्वर्ग का वातावरण को आनन्दमय बना दिया। उसके लिये यह गीत गाया परमेश्वर का मेम्ना जो बध किया गया था फिर भी वह अब बहुत ऐश्वर्य के साथ जीता है। GCH 53.1

दूसरी ओर के दर्शन जो श्रीमती ने देखा उसका वर्णन करती है - चेले उदास होकर स्वर्ग की ओर ताक रहे थे जिससे उसका अन्तिम झलक तक देख सकें। उसी वक्त स्वर्ग से दो दूत कहने लगे - हे गलीलियो, तुम खड़े होकर स्वर्ग की ओर क्यों ताक रहे हो ? यही यीशु जो स्वर्ग की ओर उठा लिया गया। वह फिर इसी रीति से आयेगा जैसा वह गया। चेले यीशु की माता के साथ स्वर्ग जाने को देख चुके थे। उन्होंने सारी रात उसके अद्भुत कामों की चर्चा करते रहे, और थोड़ी देर पहले जो घटना घटी थी उसके विषय में भी। GCH 54.1

शैतान ने अपने चेलों की एक सभा की। उसमें उसने कठोर घृणा व्यक्त कर ईश्वर के राज्य के विरूद्ध पहिले से दस गुना अधिक चेष्टा कर काम करने की सलाह दी तथा चेलों के विरूद्ध काम करने को कहा। यीशु के विरूद्ध तो कुछ न कर सके, परन्तु उसके चेलों को जो उसके जी उठने और स्वर्ग जाने पर विश्वास करते हैं सम्भव हो तो सदा के लिए उखाड़ फेकें। शैतान ने अपने दूतों को बता दिया था कि यीशु ने अपने चेलों को यह अधिकार दे रखा है कि हम जिस भूतग्रस्त व्यक्ति को धरेंगे तो हमें (भूतों को) निकाल देंगे, घुड़की देंगे और उसे (भूतग्रस्त व्यक्ति को) चंगा करेंगे। अब शैतान के दूत गरजते हुए सिंह की नाई निकले और यीशु के चेलों को खोजने लगे। वे जिस किसी को भी पायें तो उन्हें फाड़ खाने की इच्छा करने लगे। GCH 54.2

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आधारित वचन भजन सं० २४:७-१० प्रेरित क्रिया १:१-११ GCH 54.3