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अध्याय 23 - पवित्र आत्मा ककेप 156

प्रत्येक मसीही का अधिकार है कि वह प्रभु यीशु मसीह का न केवल राह ताकते रहे,किन्तु उसके आगमन की शीघ्र लावे. यदि सब जो उसके नाम का इकरार करते है उसकी महिमा के लिये फल लाते तो कितनी शीघ्रता से सुसमाचार का बीज सारे संसार में बो दिया जाता.अंतिम फसल शीघ्र ही पक जाती ककेप 156.1

और मसीह कीमती अनाज को जमा करने आ जाता. मेरे भाइयों और बहिनों, पवित्र आत्मा के लिये विनती कीजिए. अपनी की हुई प्रत्येक प्रतिज्ञा के पीछे परमेश्वर खड़ा है.हाथों में अपनी बाइबल लेकर कहिये, “जैसे तू ने कहा मैं ने किया.मैं तेरी इस प्रतिज्ञा को प्रस्तुत करता हूँ,” “मांगों, तो तुम्हें दिया जायेगा;ढूढो, तो तुम पाओगे;खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा.’’(मत्ती 77) “इस लिये मैं तुम से कहता हूँ, कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके मांगो,तो प्रतीति कर लो कि तुम्हें मिल गया,और तुम्हारे लिये हो जायगा.’’(मरकुस 11:24)’‘ और जो कुछ तुम मेरे नाम से मांगोगे,वही मैं करूँगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो.’’(यूहन्ना 14:13) ककेप 156.2

मसीह अपने दूतों को अपने राज्य के प्रत्येक भाग में,अपनी इच्छा को अपने दासों तक पहुँचाने के निमित्त भेजता है. वह अपनी मंडलियों के बीच में फिरता है.वह अपने अनुयायियों शुद्ध,उच्च तथा श्रेष्ठ बनाने की इच्छा करता है.उस पर विश्वास करने वालों का प्रभाव संसार में जीवन के निमित्त जोवन की सुगंध है.मसीह तारों को अपने दाहिने हाथ में थामे हुये है और उसका अभिप्राय यह है कि उनके द्वारा अपने प्रकाश को संसार पर चमकावे.यूं वह चाहता है कि अपने लोगों की स्वर्गीय कलीसिया में उच्च सेवा के लिये तैयार करे,उसने हमें एक भारी काम करने को दिया है.भाइयो,उसको इमानदारी के साथ करें.आइये हम अपने जीवन में प्रकट करें कि ईश्वरीय अनुग्रह मानव के लिये क्या क्या कर सकता है. ककेप 156.3