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उम्मीदवारों को भली प्रकार तैयारी होना चाहिए ककेप 163

बपतिस्मा के लिए उम्मीदवारों की ओर से पूर्ण तैयारी की आवश्यकता है.उनको साधारणत: दिए जाने वाले निर्देशों की अपेक्षा अधिक विश्वस्त निर्देशों को आवश्यकता है.जो लोग हाल ही में सत्य में आये हैं उनके समक्ष मसीही जीवन के सिद्धान्तों को स्पष्ट कर के रखना चाहिए.उन के धर्म के इकरार मात्र को मसीह के साथ जिन्दा सम्बंध रखने का पर्यात्त प्रमाण समझकर संतुष्ट नहीं हो जाना चाहिए.हमें केवल इतना ही नहीं कहना चाहिए कि “मैं विश्वास करता हूँ.’‘ परन्तु उस सत्य को व्यवहार में भी लाना चाहिए. परमेश्वर से अपना सम्बंध सिद्ध करने के लिए हमारे शब्द,हमारे चरित्र तथा हमारे आचरण परमेश्वर की इच्छा के अनुरुप होने चाहिए.जब कोई पाप का परित्याग करता है जो कि व्यवस्था का उल्लघंन हो है,तो उस का जीवन उसकी व्यवस्था की पूर्ण आज्ञाकारिता की अनुरुपता में लाया जाता है. पवित्र आत्मा का यह काम है.जिसने उस वचन के प्रकाश का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया, अन्त:करण की आवाज को तथा पवित्र आत्मा को कोशिशों को ध्यानपूर्वक समझा उसके हृदय में यीशु के लिए शुद्ध प्रेम उत्पन्न हो जाता है जिसने अपने आप को सम्पूर्ण मानव देह,जीव,आत्मा के उद्धार के निमित्त सम्पूर्ण बलिदान के रुप में दे दिया.प्रेम का आज्ञापालन करते हैं और जो उससे प्रेम नहीं करते तथा उसकी आज्ञाओं का अनादर करते हैं इन दोनों को अलग करने वाली रेखा बहुत सरल एवं स्पष्ट होगी. ककेप 163.1

शैतान यह नहीं चाहता कि कोई परमेश्वर को अपना सर्वस्व समर्पण करने की आवश्यकता को महसूस करे.जब मानव ऐसा समर्पण करने में असफल हो जाता है तब पाप का परित्याग नहीं हो पाता. क्षुद्धाएं, विषय वासनाएं प्रभुत्व जमाने की कोशिश करती हैं;प्रलोभन विवेक को भ्रम में डाल देता है और इस तरह से वास्तविक हृदय परिवर्तन नहीं हो पाता.यदि सभी लोग उसे संघर्ष का आभास कर लें जो प्रत्येक जन को उन शैतानी प्रतिनिधियों से करना चाहिए जो जाल में फंसाने फुसलाने तथा धोखा देने का प्रयत्न करते हैं तो उन लोगों को जो विश्वास में नये हैं बहुत अधिक परिश्रम करना पड़ेगा. ककेप 163.2