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गुस्से में बालक की ताड़ना न कीजिए ककेप 255

यदि आपकी सन्तान अनाज्ञाकारी है तो उन्हें सुधारिए.उनके सुधारने के पहिले एकान्त में जाकर परमेश्वर से प्रार्थना कीजिए कि वह बालक के हृदय को विनम्र बनाने और उनको उनके साथ व्यवहार करने की सदबुद्धि दें.मैं ने किसी भी अवसर पर इस सलाह को असफल नहीं देखा है.जब माता-पिता का मन क्रोध से भरा है तब आप बालको से यह आशा नहीं कर सकते कि वे आध्यामिक बातों पर ध्यान देगें. ककेप 255.3

प्रेम से अपनी सन्तान को सुधारिए.आप को उस हृदय तक उन्हें मन मानी नहीं करने देनी चाहिए कि गुस्से में आकर उन्हें सजा देनी पड़े.ऐसी ताड़ना से भलाई के विपरीत बुराई को बढ़ाना है. ककेप 255.4

ऐसा करने से बालक की बुरी भावनाएं जागृत होती हैं.जिसके फलस्वरुप वह यह समझता है कि आप को उसकी चिता नहीं हैं.वह अपने आप में तर्क करता है.कि यदि आप को उसकी चिन्ता होती तो आप उसके साथ ऐसा व्यवहार न करते. ककेप 255.5

क्या आप का यह विचार है कि आप अपने बालकों को ताड़ना जैसी चाहे वैसौ करें और परमेश्वर को उसकी परवाह नहीं.वह जानता है और यह भी जानता है कि यदि आप बिगाड़ने के बजाय जीतने के उद्देश्य से उसकी ताड़ना करते तो उन बालकों को ही शुभ परिणाम निकलते. ककेप 255.6