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सुसमाचार का अग्रगामी कार्य ककेप 315

यदि हम किसी देश के नैतिक स्तर का उत्थान करें जहां हमें काम करने की बुलाहट हुई है तो हमें उनकी शारीरिक आदतों को दुरुस्त करने से आरम्भ करना चाहिए.चिकित्सा-कार्य द्वारा मानव को दु:ख संकट से उद्धार का सुसमाचार प्राप्त होता है.यह सुसमाचार का अग्रगामी काम है.यह व्यवहारिक सुसमाचार है,यह मसीह की प्रगट हुई करुणा है.इस काम की बड़ी आवश्यकता है और संसार इसके लिए खुला है.परमेश्वर करे कि चिकित्सा समबन्धी मिशनरी काम के महत्व को लोग समझें और नये क्षेत्रों में तुरन्त प्रवेश किया जाय.तभी सेवाकार्य का काम परमेश्वर के ढंग अनुकूल होगा;रोगी चंगा होंगे और लाचार दु:खी मानव को आशीर्वाद प्राप्त होगा. ककेप 315.3

आप को द्वेष, अत्यधिक नकली उत्साह तथा झूठी धार्मिकता का मुकाबला करना पड़ेगा परन्तु स्वदेश तथा विदेश दोनों में आप पाएंगे कि परमेश्वर आपके विचार में आने से ज्यादा सत्य के बीज के लिए हृदयभूमि को तैयार कर रहा है और वे ईश्वरीय संदेश को जब उनके सामने पेश किया जायगा खुशी से स्वीकार करेंगे. ककेप 315.4

चिकित्सा सम्बन्धी मिशनरी काम मुझको इस रुप में दिखलाया गया कि यह सम्पूर्ण काम से ऐसा ही सम्बन्ध रखता है जिस तरह हमारी भुजा देह के साथ सम्बन्ध रखती है.सुसमाचार का सेवाकार्य सत्य की घोषणा के लिए तथा रोगियों और स्वस्थों के लिए काम को आगे आगे बढ़ाने के निमित्त एक संस्था है.यह तो देह है और चिकित्सा सम्बन्धी कार्य भुजा है और मसीह सब के ऊपर सिर है.यह प्रसंग मेरे सामने इसी प्रकार उपस्थित किया गया है. ककेप 315.5

चिकित्सा सम्बन्धी मिशनरी काम का आरम्भ जो सुविधाएँ आप को प्राप्त है उन्हीं से कीजिए. आप पाएंगे कि आप के लिए धर्मपुस्तक के उपदेश के लिए राह खुल जायेगी.स्वर्गीय पिता आप को उनके सम्पर्क में लाएगा जो जानना चाहेंगे कि बीमारों की देखरेख कैसे करते हैं.रोग की चिकित्सा के सम्बन्ध में जो कुछ आप जानते हैं कार्यान्वित कीजिए.इस प्रकार दु:ख दूर किया जायगा.और तब आपको अवसर मिलेगा कि भूखी आत्माओं को जीवन की रोटी खिलायें. ककेप 316.1