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असावधान वक्तव्य देने में खतरा ककेप 322

लोगों को सिखलाइये कि सारी बातों में अपने देश में नियमों के अनुकूल चलें जब कि वे परमेश्वर की व्यवस्था के संग-संग संघर्ष में आये बिना ऐसा कर सकें. ककेप 322.7

कुछ हमारे भाइयों ने ऐसी बातें कहीं और लिखी जिनसे यह अर्थ निकाला गया कि वे सरकार और कानून का विरोध करते हैं.इस प्रकार गलत फहमी के लिये द्वार खोलना एक भूल है.राज्य के शासकों द्वारा जो कुछ किया जाता है उसकी निरंतर आलोचना करना बुद्धिमानी की बात नहीं है.हमारा काम नहीं कि व्यक्तियों तथा संस्थाओं पर आक्रमण करें.हमें अति सावधान होना चाहिये कहीं ऐसा ख्याल न हो कि हम सरकारी अधिकारियों का विरोध कर रहे हैं.यह सत्य है कि हमारा युद्ध आक्रमक है परन्तु हमारे हथियार वही होने चाहिये जो साधारण, ‘प्रभु यहोवा यूं कहता है.’’हमारा काम सम्प्रदाय को परमेश्वर के बड़े दिन में खड़े रहने को तैयार करने का है.हमें ऐसी दिशा की ओर नहीं लौटना चाहिये जिससे उनके साथ जो हमारे दोन व मत के नहीं हैं वाद विवाद व द्वेष पैदा हो जाय. ककेप 322.8

वह समय आयेगा जब हमारे भाइयों द्वारा असावधानी से व्यक्त किये वे लिखे गये निन्दनीय वक्तव्य हमारे शत्रुओं द्वारा हम को निरादर करने की खातिर प्रयोग किये जायेंगे.ये केवल वक्ताओं को अपमान करने के हेतु प्रयोग में नहीं लाये जायेंगे किन्तु ऐड्वेनटिस्ट कलीसिया पर यह अभियोग लगाया.हम पर अभियोग लगाने वाले कहेंगे कि अमुक दिन में हमारे किसी जिम्मेदार व्यक्ति ने इस सरकार के कानूनों के विरुद्ध यों कहा था.बहुत से लोग आश्चर्य चकित होंगे जब वे देखेंगे कि कितनी बातें दिल में रखी गई और यदि की गईं जो हमारे विरोधियों को वाद-विवाद करने का विषय बनाई गई.बहुत से लोग यह सुनकर स्तम्भित हो जाएंगे कि उनके शब्दों का अर्थ ऐसा खींचता न किया गया है जिनका उन्होंने कभी विचार भी नहीं किया था. ककेप 323.1

इस लिए हमारे कार्यकर्ताओं को हर समय हर हालत में बड़ी सावधानी के साथ मुंह से शब्द निकालने चाहिये.सब को सावधान होना चाहिये कहों लापरवाही की बातचीत से निकट सूक्ष्म घड़ी के आने से पूर्व जिसमें लोगों की आत्माओं की परोक्षा की जायगी संकट का समय न वे आयें. ककेप 323.2

हमें स्मरण रखना चाहिये कि संसार हमारा अनुमान हमारी स्थिति से लगायेगा.जो लोग मसीह के प्रतिनिधि हैं उन्हें खबरदार होना चाहिये कि वे अपने चरित्र का अनुचित प्रदर्शन न करें.हमारे सामने क्लेष के आने से पहिले हमें यह निश्चय कर लेना चाहिये कि पवित्रआत्मा हमारे ऊपर उंडेला गया है.जब यह हो चुके तो हम एक निश्चित संदेश देंगे जो निंदा करने वाले न होगा जैसा कुछ लोग पहिले दे रहे थे और विश्वासी अपने विरोधियों के त्राण के लिये अधिक उत्साह प्रगट करेंगे.परमेश्वर हो को अधिकार वालों और सरकारों को दोष लगाने दीजिये.प्रेम के साथ विश्वस्त पहरुओं की भाँति हम मसीही के सिद्धान्तों को सुरक्षित रखें. ककेप 323.3