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अध्याय 63 - याद रखने की बातें ककेप 348

त्राणकर्ता ने हर युग के अनुयायियों के लाभ के लिये अपने शिष्यों को आदेश दिये थे.उसके ख्याल में वे लोग थे जो अन्त के समय रहते हैं जब उसने कहा था: ‘चौकस रहो.’’हमारा कर्तव्य है कि अपने अपने हृदयों में पवित्रआत्मा के सद्गुणों को प्रिय वस्तु जैसे पोषण करें. ककेप 348.1

वह सूक्ष्म घड़ी हमारे ठीक सामने है,उसके दुःखों व संकटों का सामना करने और उसके कर्तव्यों का पालन करने में दृढ़ विश्वास की आवश्यकता है.पर हमारी विजय शान के साथ होगी;जागने वाली, प्रार्थना करने वाली तथा विश्वास लाने वाली आत्माओं में से एक भी शत्रु के जाल में न फंसेगी. ककेप 348.2

भाइयों, जिन पर परमेश्वर के वचन के सत्य खोल दिये गये हैं,आप संसार के इतिहास के अंतिम दृश्य में कौन सा पार्ट आदा करेंगे? क्या आप भारी तैयारी के काम है, को जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर हो रहा है महसूस करते हैं? सब जिन्होंने प्रकाश को पाया है, जिनको नबूवत को पढ़ाने और सुनने का मौका मिल है उन बातों पर ध्वान दें जो उसमें लिखा हैं; क्योंकि समय निकट हैं.’’कोई भी पाप के साथ जो संसार के हर दु:ख व कष्ट का स्त्रोत हैं हस्तक्षेप न करे.आलस्य और उदासीनता में अधिक देर तक न रहिये.आपकी आत्मा का भाग्य अनिश्चितता पर न लटका रहे.निश्चित रुप में जान लें कि आप परमेश्वर की और हैं या नहीं.सच्चे हृदयों और काँपते होंठो से यह प्रश्न पूछिये: ‘कन ठहरने योग्य होगा? क्या आप अनुग्रह काल के इन अंतिम कीमती घड़ियों में अपने चरित्रभवन में सबसे उत्तम माल लगा रहे है?क्या आप अपनी आत्मा को हर एक दाग व धब्बे से स्वच्छ व शुद्ध कर रहे हैं? क्या आप ने प्रकाश का अनुकरण किया है? क्या आप के विश्वास के इकरार के अनुसार आप के कार्य भी हैं?’‘ ककेप 348.3

एक अधूरा,औपचारिक विश्वासी होना सम्भव है फिर भी हो सकता है कि तौल में कम निकले और अनन्त जीवन हाथ से जाता रहे.सम्भव है कि आप बाइबल के कुछ उपदेशों का अभ्यास करें और मसीही जैसे समझे जायं फिर भी नाश हो जायं क्योंकि आप में मसीही चरित्र के लिये जरुरी गुणों की कमी रही.यदि आप उन चितावनियों की ओर से लापरवाह रहे अथवा उनके साथ उदासीनता का व्यवहार करें, यदि आप अधर्म को पालें अथवा उसकी ओर से आनाकानी करें तो आप अपनी आत्मा के भाग्य पर मुहर लगा रहे हैं.आप तराजू में तौले जायेंगे और जायंगे और कम जचेंगे.अनुग्रह,शांति और क्षमा सदा के लिये उठा लिये जायंगे यीशु भी ध्यान न देगा और आप की प्रार्थनाओं व विनतियों की पहुंच के अन्दर फिर कभी न आएगा.जब कि दया का दरवाजा खुला है और त्राणकर्ता मध्यस्थ काम कर रहा है तो आइये हम अनन्त काल के लिये पूरी तैयारी कर लें. ककेप 348.4

शैतान सोया हुआ नहीं है;वह भविष्यवाणी के दृढ़ वचन को अप्रभावित करने को चौंकन्ना बैठा है.परमेश्वर के वचन में स्पष्ट की गई उस की प्रत्यक्ष इच्छा के विरुद्ध वह चतुरता और धोखे बाजी से कार्य कर रहा है.वर्षों से शैतान सत्य का स्थान लेने को अपने अविष्कृत धूर्त मिठयावाद के द्वारा मानव बुद्धि पर नियंत्रण जमाए हुये है.ऐसे खतरे के समय,धर्माचारी परमेश्वर के भय में दाऊद के शब्दों को दुहराते हुए उसके नाम की महिमा करेंगे: “समय आया है कि यहोवा काम करें, क्योंकि लोगों ने तेरी व्यवस्था को तोड़ दिया है.’’(र भजन संहिता 119:126) ककेप 348.5

एक कलीसिया (लोग) के नाते हम दावा करते हैं कि पृथ्वी के किसी दूसरे लोगों की अपेक्षा हमारे पास सबसे बढ़कर सत्य है.फिर तो हमारा जीवन व चरित्र ऐसे के विश्वास के अनुकूल होना चाहिये.वह दिन हमारे ऊपर ही आ गया है जब धर्म लोग स्वर्गीय खलिहान के लिये कीमती अनाज की भाँति गठ्ठा में बांधे जायंगे और दुष्ट लोग कड़वे दानों की भाँति आखरी बड़े दिन की आग के लिये जमा किये जायंगे. परन्तु गेहूं और जंगली दाने “कटनी लों दोनों एक संग ‘’बढ़ते हैं. ककेप 349.1

जीवन के दायित्वों को पूरा करने में धमी लोगों को अन्त तक अधार्मियों से सम्पर्क रखना होगा.प्रकाश के पुत्र अंधकार के पुत्रों के बीच छिटके हुए हैं ताकि सब लोग अन्तर देख सकें,यों परमेश्वर के पुत्र उसके गुणों का प्रचार करें जिसने उन्हें अंधकार में ले अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है.हृदय में चमकता हुआ,ईश्वर का प्यार जीवन में प्रगट हुआ.मसीह -का -सा-ऐक्य ये स्वर्ग की एक झलक दिखाएंगे जिसके सौंदर्य को देखने और कद्र करने का सौभाग्य पृथ्वी के लोगों को प्राप्त होगा. ककेप 349.2

कोई जन परमेश्वर की सेवा बिना दुष्ट लोगों और दूतों को अपने विरुद्ध संयुक्त कराये नहीं कर सकता.जो आत्मा मसीह की पंक्ति में शामिल होने की चेष्टा करती है उसकी घात में दुष्ट आत्माएं लगाई जायंगी क्योंकि शैतान अपने हाथ से छूटे हुये शिकार को पुन:प्राप्त करना चाहता है.दुष्ट लोग भारी धोखों का विश्वास करेंगे कि वे दण्ड पावें ये लोग यथार्थता का वस्त्र पहिनेंगे और यदि सम्भव हो तो चुने हुओं को भी धोखा देंगे. ककेप 349.3