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विश्वासियों का पारितेाषिक ककेप 364

मेरे भाइयों और बहिनों मैं आप से अनुरोध करती है कि स्वर्ग के मेघों में मसीह के आगमन के लिए तैयारी कीजिए.अपने हृदयों से दिन प्रति दिन संसार का प्रेम निकाल डालिए.अनुभव से मालूम कीजिए कि मसीह से संगत करने का क्या अर्थ है.न्याय के लिए तैयार हो जाइए कि जब मसीह आवे कि सब विश्वासियों में प्रतिष्ठा पावे तो आप उनमें होवें जो उसको शांति के साथ मिल सकें.उस दिन उद्धार पाय हुए पिता और पुत्र की महिमा में चमकेंगे.स्वर्गीय दूत अपनी अपनी सुनहली वीणाओं को वीणाओं को बजाकर सम्राट और उसके विजित स्मारकों का अर्थात् लोगों का जो मेम्ने का लोहू में शुद्ध और सफेद किये गए हैं स्वागत करेंगे.विजय के गीतों से स्वर्ग गुंज उठेगा.मसीह की जीत हो गई.वह स्वर्गीय आँगन में उद्धार पाये हुओं के संग प्रवेश करता है जो इस बात के साक्षी हैं कि उसका दु:ख भोगने तथा बलिदान का कार्य अकारथ नहीं गया. ककेप 364.3

हमारे प्रभु का पुनरुत्थान और स्वर्गीरोहण, मृत्यु और कब्र के ऊपर परमेश्वर के संतों की विजय का एक पक्का प्रमाण और एक प्रतिज्ञा है कि स्वर्ग उनके लिए खोला गया है जो अपने चरित्र को वस्त्र मेम्ने के लोहू में धोकर सफेद करते हैं.यीशु पिता के पास मानव जाति के प्रतिनिधि के रुप में गया है और परमेश्वर उनको जो उसके स्वरुप का प्रतिबिम्ब दिखलायेगा और उसमें भागीदार बनाएगा. ककेप 364.4

पृथ्वी के यात्रियों के लिए घर बने होंगे.धार्मिकों के लिए पहनने को वस्त्र,सिर पर धरने को तेजस्वी मुकुट और हाथ में खजूर की डालियां होंगी.परमेश्वर के इन्जाम में जिस जिस वस्तु ने हम को व्याकुल किया है वे सब आने वाली दुनिया में स्पष्ट हो जायेंगे.जो बातें इस समय समझनी कठिन हैं उस समय समझने योग्य होंगी.अनुग्रह के रहस्य हमारे सामने प्रकट होंगे.यहां हमारे सीमित दिमागों ने केवल गड़बड़ी और अपूर्ण प्रतिज्ञाओं का अनुभव किया था वहां हम सिद्ध तथा सुन्दर ऐक्य देखेंगे.तब हम जानेंगे कि असीम प्रेम ने उन कठिन अनुभवों को क्यों आने दिया था. जब हम उसकी कोमल रक्षा को महसूस करेंगे जिसके हुक्म से सब बातें मिल के हमारी भलाई का कार्य करती है तो हम अकथनीय हर्ष और पूर्ण महिमा से आनंदित होंगे. ककेप 364.5

स्वर्ग के वायुमंडल में दुःख दर्द रह नहीं सकते.उद्धार पाए हुओं के घरों में आसुओं का नाम न होगा न कोई अन्तोष्टिक्रिया का जुलुस,न मातम(शोक) के बिल्ले लगाये जाएंगे. “कोई निवासी न कहेगा कि मैं रोगी हूँ और जो इसमें रहेंगे,उनका अधर्म क्षमा किया जाएगा.’’(यशायाह 33:24)जैसा जैसा अनंत फल गुजरता जाएगा वैसा अनंत का प्रवाह बहता हुआ गहरा होता जाएगा. ककेप 365.1

थोड़ी देर के बाद हम उस पुरुष को देखेंगे जिस पर हमारी अनन्त जीवन की आशाएं केन्द्रित हैं.उसके समक्ष इस जीवन के सारे दु:ख और कठिनाइयाँ कुछ नहीं के बराबर होंगी.सी अपना हियाव न छोड़ो क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है.क्योकि तुम्हें धीरज धरना अवश्य है, ताकि परमेश्वर कि इच्छा को पूरी कर के तुम प्रतिज्ञा का फल पाओ. क्योंकि अब बहुत ही थोड़ा समय रह गया है जब कि आने वाला आएगा, और देर न करेगा.’’(इब्रानियों 10:35-37)ऊपर की ओर देखिए और अपने विश्वास को लगातार बढ़ने दीजिए.यह विश्वास आप का उस सकरे मार्ग में मार्गदर्शन करेगा जो परमेश्वर के नगर के फाटकों में होकर महिमा के उस दूरस्थ विस्तृत असौम भविष्य में प्रवेश करता है जो पाए हुओं के लिए है.” सो हे भाइयो ! प्रभु के आगमन तक धीरज धरो, देखो,गृहस्थ पृथ्वी के बहुमूल्य फल की आशा रखता हुआ प्रथम और अंतिम वर्षा होने तक धीरज धरता है.तुम भी धीरज धरो, और अपने हृदय को दृढ़ करो, क्योंकि प्रभु का शुभागमन निकट है.’’(याकूब 5:7,8) ककेप 365.2

“और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ कि हम क्या कुछ होंगे इतना जानते हैं कि जब वह प्रकट होगा तो हम भी उसके समान होंगे क्योंकि उसको वैसा ही देखेंगे जैसा वह है.’‘ ककेप 365.3

तब मसीह अपने काम का नतीजा उसके प्रतिफल में देखेंगा.उस बड़ी भीड़ में जिसकी कोई गिनती नहीं कर सकता जो उसकी ‘’महिमा के सन्मुख आह्यद संहित निर्दोष पेश किए जायंगे जिसके रक्त द्वारा हम मोल लिए गए और जिसके जीवन से हमें शिक्षा मिली है,” “वह अपने मन के खेद का फल देखकर शांति पायेगा.’‘ ककेप 365.4

धैर्य और विश्वास पूर्ण विदाई का शब्द ककेप 365.5

मैं बहुत देर तक जीने की आशा नहीं करती हूँ.मेरा काम प्राय:समाप्त हो चुका है...मैं नहीं सोचती कि अपने लोगों के लिए अधिक साक्षियां लिखें.हमारे ठोस दिमाग को लोग जानते हैं कि काम की उन्नति तथा निर्माण के लिए क्या भला है.परन्तु हृदय में परमेश्वर का प्रेम रखते हुए उनको परमेश्वर की बातों में गहन अध्ययन की आवश्यकता है. ककेप 365.6

बिगत इतिहास का पुनरावलोकन करके और अपनी वर्तमान स्थिति के पग पग की उन्नति का निरीक्षण करके मैं कह सकती हूँ,परमेश्वर की स्तुति हो, जब मैं देखती हूँ कि परमेश्वर ने क्या क्या किया है मैं आश्चर्य से और मसीह के नेतृत्व में विश्वास से भराएं हमारे विगत इतिहास में हम को दी हैं. ककेप 365.7

समाप्त

एलन जी. व्हाईट १३० से भी अधिक पुस्तकों की लेखिका हैं, इनमें से बहुत से कार्य उनके मरणोप्रांत संग्रहित करके प्रकाशित किए गए जो उनके लेखों के संग्रह से प्राप्त हुए। वे विश्व की एक ऐसी लेखिका है। जिनके कार्यों का विश्व का १५० भाषाओं में अनुवाद करा गया है। ईश्वरीय प्रेरणा के द्वारा उन्होंने येशू को निरंतर उच्च स्तर पर रखा तथा पवित्र शास्त्र को ही अपने धर्म का आधार बताया। । ककेप 366.1

कलीसिया के लिए परामर्श एलन जी. व्हाईट के प्रेरणात्मक लेखों में से चुनकर उनकी किताबों तथा रसाली की पुस्तक है। छयासठ अध्यायों से बना यह संग्रह, इसमें दिए परामर्श बहुत बड़े विषयों पर ध्यान देते हैं। पृष्ठों की गिनती को कम रखने विवश्ता के कारण, संग्रहकर्ताओं ने बहुत ही विशेष तथा महत्वपूर्ण लेखों को, विषय को ध्यान में रखकर कलीसिया तथा सदस्य को लाभ पहुँचाने का प्रयास किया है। ये सभी अध्याय पाठक को प्रभु के समीप लाएंगे, साथ ही उन्हें प्रतिदिन के जीवन को प्रभु के प्रेम और महिमा में व्यतीत करने की राह भी दिखेगी। ककेप 366.2