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अध्याय 20 - कलीसिया के लिए साक्षियाँ ककेप 141

जैसे-जैसे अंत निकट आता जाता है और दुनिया को अंतिम चितावनी देनी का कार्य बढ़ जाता है वैसा हो जो लोग वर्तमान सत्य को ग्रहण करते हैं उनके लिए यह बात और भी महत्व रखती है कि वे उनको साक्षियों की प्रकृति और प्रभाव के विषय में स्पष्ट ज्ञान प्राप्त करें जिन को परमेश्वर ने अपनी दूरर्शिता द्वारा तीसरे दूत के संदेश के कार्य के संग उसके प्रारम्भ ही से सम्बंधित किया है. ककेप 141.1

प्राचीन काल में परमेश्वर ने मनुष्यों से नबियों और प्रेरितों के मुख से वार्तालाप की. इन दिनों में वह अपनी आत्मा की साक्षियों द्वारा बोलता था. इतिहास में कभी कोई ऐसा समय नहीं आया जब परमेश्वर ने अपने लोगों को अधिक उत्साह के साथ आदेश दियेहों जैसे वह इस समय उन्हें इच्छा और उस मार्ग कि प्रति देता है. ककेप 141.2

सेवंथ-डे एडवेनटिस्ट लोगों के बीच में चेतावनी और ताड़ना इस उद्देश्य से नहीं दी जाती कि उन के चरित्र नाममात्र की मण्डलियों के मसीहियों के जीवन से अधिक दोषपूर्ण हैं परन्तु इसलिए कि उनके पास एक विशाल ज्योति है और अपने परमेश्वर के विशेष चुने हुए लोगों का पद धारण किये हुए हैं जिनके हृदय में परमेश्वर की व्यवस्था लिखी हुई है. ककेप 141.3

विभिन्न व्यक्तियों के लिए जो संदेश मिले हैं मुझे मिले. मैं ने अवसर उनको लिख भेजा और कई एक परिस्थितियों में उन्हीं की प्रार्थना पर लिखा.जैसे-जैसे मेरा काम बढ़ता गया तैसे-तैसे यह कार्य मेरे परिश्रमों का एक जरुरी और भारी अंग बनता गया. एक दर्शन में जो बीस वर्ष (1871) हुये मुझे दिया गया था मुझे यह आदेश दिया गया कि बोलने और लिखने द्वारा साधारण नियमों को वर्णन करें और साथ-ही-साथ कुछ व्यक्तियों के खतरों,गलतियों और दोषों का विशेष वर्णन करें ताकि सब लोगों को चेतावनी,ताड़ना और उपदेश प्राप्त हो.मुझे दिखलाया गया कि सब को अपने-अपने मन की और जीवन की ध्यानपूर्वक छानबीन करनी होगी कि देखें कि उन्होंने भी कोई ऐसी गलती तो नहीं की है जिनके लिए दूसरों की ताड़ना हुई है और जो चेतावनी दूसरों को दी गई है कहीं वे स्वयं उनकी परिस्थितियों से नहीं रखतीं.यदि ऐसा हो तो उन्हें मसूहस करना चाहिए कि वे उपदेश तथा ताड़नाएं विशेषकर उन्हीं के लिए दी गई और उनका ऐसा व्यावहारिक प्रयोग करना चाहिए मानो कि वे विशेषकर उन्हीं के वास्ते लिखी गई हों. ककेप 141.4

परमेश्वर की इच्छा है कि उन सब से विश्वास को जांचे जो मसीह के अनुयायी होने का दावा करते हैं. वह उन सब की प्रार्थनाओं की यथार्थता की जांच करता है जो उत्सुकता से अपने कर्तव्य कर्म को जानने की इच्छा रखते हैं.वह कर्तव्य को स्पष्ट कर देगा.वह सब को पर्याप्त मौका देगा कि वे अपने हृदय के सारे गुणों का विकास करें. ककेप 141.5

जो लोग उसकी व्यवस्था पालन का इकरार करते हैं उनकी परमेश्वर ताड़ना करता और उनका सुधार करता है.वह उनके पापों की ओर संकेत करता है और उनके पापों को खोल देता है क्योंकि वह उनमें से समस्त पाप और दुष्टता दूर करना चाहता है ताकि वे उसके भय में पवित्रता को सिद्ध करें. परमेश्वर उन्हें घुड़कता,ताड़ना देता और सुधारता है ताकि वे शुद्ध, पवित्र, समुन्नत और अंत में उसे सिंहासन तक उच्चासीन हों. ककेप 142.1