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अनाथों की चिंता ChsHin 290

जब तक मष्यु को निगल नहीं लिया जाता, उस पर जीत हासिल नहीं की जा सकती तब अनाथों की चिंता करना होगी, जो एक नई कई तरह से पीड़ित होगें। यदि कलीसिया के सदस्यों का स्नहे, सहानुभूति और प्रेम पूर्वक दया उनके साथ नहीं बरती गई। प्रभु कहता है उन गरीबों को अपने घर में ले आओं जिन्हें तुमने बाहर कर दिया है। मसीहियत को ऐसे अनाथो, बेघर बारो के माता पिता होना चाहिये। विधवाओं के प्रति सहानुभूति तथा अनाथों के लिये प्रार्थना और काम परमेष्वर के समक्ष याद रखे जायेगें ताकि आने पर पुरूस्कष्त हो। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड, 27 जून 1893) ChsHin 290.1

जब तुम गरीबों को षरण देते पीड़ितों और पाप के बोझ से दबे लोगो के प्रति सहानुभूति दर्षाते और अनाथों के मित्र बन जाते हो, तुम प्रभु यीषु से अपना प्रगाढ़ दर्षाते हो। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 2:25) ChsHin 290.2

अनाथ बच्चे हैं, जिनकी देखभाल की जानी चाहिये। लेकिन कई लोग इस काम को करने के लिये तैयार नहीं। क्योंकि इसमें ज्यादा मेहनत लगती है जितनी वे उन्हें छोड़कर करते हैं। किन्तु थोड़ा ही समय लगता है उन्हें खुष करने में, किन्तु जब राजा जांच-पड़ताल करेगा। तो ये कुछ नहीं करेंगे। पैतान के गुलाम स्वार्थी लोग तब जानेंगे कि स्वर्ग उन लोगो के लिये है जो प्रभु का काम करते है। जिन्होंने प्रभु यीषु के खातिर अपना इंकार किया। ऐसी कोई सुविधा उन्हें नहीं। ऐसे लोगो के लिये जो उसके बांये हाथ की ओर है। राजा ने बड़ा खतरनाक सजा रख छोड़ी है किन्तु इस मामले में नहीं, क्योंकि यह कोई बड़ा गुनाह नहीं है। वे इसलिये नहीं दोशी ठहराये गये कि उन्होंने क्या किया है? उन्होंने केवल स्वयं को खुष किया, इसलिये उनका भाग उन स्वार्थी लोगों के साथ ही होगा। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड, 16 अगस्त 1881) ChsHin 290.3

अनाथों को प्रभु यीषु ने उसके पीछे चलने वालों के हाथों में सौंपा है। किन्तु कई बार वे नकारे जाते है, षायद वे फटे पुराने कपड़ो में बदसूरत भद्दा दिखते है, फिर भी वे परमेष्वर की सम्पत्ति है। उन्हें किमत देकर खरीदा गया है और जैसे हम प्रभु की नजरों में किमती है। वैसे वे भी हैं। प्रभु के घर के सदस्य है मसीही है जैसे उसके सेवक उनके लिये जिम्मेदार है। “उनका आत्मा” प्रभु कहता है “मैं तेरे हाथों में सौपता हूँ।” (काइस्ट ऑब्जेक्ट लैसन्स 386, 387) ChsHin 290.4

परमेष्वर चाहता है कि कलीसिया के हर सदस्य का काम अनाथों को देखभाल करन है। उनकी देखभाल केवल दिखावे के लिये नहीं और कि आपका कर्तव्य है किन्तु उसी प्रेम के साथ जिस के कारण प्रभु यीषु ने इन आत्माओं को अपने लहू से खरीद कर तुम्हारी देख-भाल में रखा है, और वह चाहता है कि तुम उन्हें प्रेम करों जैसे प्रभु यीषु में तुमसे किया जब तुम पापी ही थे और अपने कामों में लिप्त थे। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड 27 जून 1893) ChsHin 291.1

वह लोगो की प्रार्थना नही सुनेगा जब तक कि अनाथ, लंगड़े, अंध ो और बिमार लोगो को नकारा जाता है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 3:518) ChsHin 291.2

उन लोगो के लिये, बहुत बड़ा कार्य क्षेत्र है, जो प्रभु के लिये काम करना चाहते हैं। उन लोगों की देखभाल करने के लिये जिनका कोई मित्र नहीं, वे बच्चे और जवान जिनके जीवन को इस योगय बना दिया जायें कि उनका चरित्र इस योग्य हो कि वे परमेष्वर के बेटे-बेटियाँ कहला सके। ऐसे आषाहीन बच्चो को प्रेम से देखना, जिनमे से कई नादानियों के षिकार होते और ऐसी संगति में पड़ जाते है जो उन्हें बुराई और अपराध की और ले जाते है। ऐसे बच्चों को अच्छा वातावरण में लाकर उन्हें प्रभु यीषु के नजदीक लाया जा सकता है, जहाँ उन्हें प्रभु यीषु का प्रेम और अच्छी देखभाल मिले और वे भी बचाये जा सकें। दूसरों के लिये किया गया यह काम परिश्रम स्वयं से इंकार और बलिदान की बिना नहीं किया जा सकता। किन्तु थोड़ा सा बलिदान हम भी कर सकते है, जबकि परमेष्वर ने तो अपने इकलौते पुत्र प्रभु यीषु को दे दिया । परमेष्वर ने हमे अवसर दिया है कि हम उसके साथ मिलकर परिश्रम करें। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड 27 जून 1893) ChsHin 291.3