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सहजता ChsHin 311

जब प्रभु ने चेलो से कहॉ, जाओं मेरे नाम से उन लोगों को कलीसिया में इकटठा करो, जो विश्वास करते हैं। इस तरह उसने बडी सरलता से उनके सामने सहज होने का उदाहरण रखा जिसकी बहुत आवश्यकता हे जितना कम आडम्बर व दिखावा उतना ज्यादा उसका उच्छे कामों का प्रभाव होगा। प्रभु के चेलों को भी उसी प्रकार सौम्यता व सहजता से बोलना है, जैसे स्त्रीष्ट ने कहा था। (द एक्टस ऑफ अपॉसल्स, 28) ChsHin 311.3

सरलता और सहजता से हजारों लोगों तक आसानी पहुंचा जा सकता है। उन स्त्री व पुरुषों को जो सबसे ज्यादा प्रवीण व बुधिदमान हैं। और जगत भी उन्हें इस नजरिसे से देखता है। कि वे परमेश्वर की और से बुद्धि का दान पाये हुये है।, वे अधितर सहजता से कहे गये शब्दों को सुनकर खुश हो जाते है, जो पभु से प्रेम करते है। और कौन वह मनुष्य है जो प्रभु के प्रेम के शब्दो को इतने स्वाभाविक तौर से बोल सकता है, केवल वो जो इस संसारिक जीवन में भी प्रभु के प्रेम को जान व समझा पाया है। कई बार पहले से तैयार किया गया वचन उतना प्रभावशील नही होता। किन्तु परमेश्वर के बेटे व बेटी, जो प्रभु के सत्य में इमानदारी और सत्य का जीवन जीने वाले, सहज शब्दों में प्रभु का वचन इस तरह सुनाते है, जिसकी सामर्थ से लोगों के हदय के बंद दरवाजे खुल जाते जो एक लम्बे समय से प्रभु यीशु और उसके प्रेम से दूर थे। (काईस्ट ऑब्जेक्ट लैसन्स-232) ChsHin 311.4