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पदों पर पदस्थ होने हेतु आरक्षित ChsHin 42

लोगों के बोझ को उठाने वाले ऐसे कई लोग खत्म होते जा रहे हैं उनमें से कई जिन्होंने बदलाव लाने के लिये आगे आकर काम करने को बढ़े कई लोगों की तरह वे भी अपनी आधी उम्र पार कर चुके हैं और उनकी षारीरिक एवं मानसिक ताकत कम होती जा रही है। अब यह सवाल उठाया जा सकता है, उनकी जगह कौन काम करेगा ? किसके हाथों में कलीसिया की खास जिम्मेदारियों को सौंपा जायें, जब वर्तमान में कार्य करने वाले कम हो रहे हैं। हम और कुछ नहीं तो ये जरूर कर सकते हैं कि आज के नौजवानों की इस ओर रूचि जगाये कि इस काम की जिम्मेदारी उठाने को वे तैयार हों। ऐसा वहां किया जा सकता है, जहां लोग काम करना छोड़ रहे है। और उनकी कार्य षैली यह निश्चित करेगी कि लोगों में नैतिकता धर्म और गहरा भक्तिवाद बढ़ेगा या उसकी जगह अनैतिकता व भक्तिहीनता होगी जो सारी अच्छी व भली कीमती बातों को भ्रश्ट व धूमिल कर देंगी। (गॉस्पल वर्कर्स- 68) ChsHin 42.1