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आज्ञा पालन — पाप से छुटकारा ChsHin 58

जो लोग अपने आप को परमेश्वर की व्यवस्था के जानकार कहते हैं, उन लोगों के बीच में एक खतरा मण्डरा रहा होता है। वे अपने आप में निश्चित होते हैं, ये मानकर अपने आप को सांत्वना देते हैं कि परमेश्वर की आज्ञाओं व नियमों की केवल जानकारी होना उन्हें परमेश्वर के न्याय सिंहासन के समक्ष बचाने में मद्द करेगा। वे पाप व बुराई से दूर रहने से इन्कार करते और प्रभु के सेवकों पर आरोप लगाते है, उन्हें सिखाते हैं कि वे बुराई की अपने से दूर रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते। प्रभु जो पाप से घष्णा करता है, उन लोगों को जो प्रभु की आज्ञा मानने के लिये संसार की सारी बुराईयों से दूर रहते है, बुलाता है। परमेश्वर के वचन का इंकार पाप से क्षमा न पाना दोनों ही परमेश्वर के लोगों के लिये गंभीर समस्या बन सकते है, जैसे प्राचीन इस्त्रायलियों के लिये बना था। आखिरकार एक परमेश्वर के न्याय की समय सीमा भी पूरी होने को है। अ बवह और ज्यादा देरी नहीं करेगा लोगों का न्याय करने के लिये । (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 4:166, 167) ChsHin 58.2