मसीही जीवन के तीन मूल मंत्र हैं, जिनका ध्यान अवश्य रखा जाना चाहिए यदि हम नहीं चाहते कि षैतान हम पर हावी हो। वे मंत्र है :चौकस रहो, प्रार्थना में लगे रहो और काम करते रहो। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 2:283) ChsHin 138.2
हर वह आत्मा जिसने प्रभु के काम को अपना लिया है, उसने यह षपथ ली है कि उसकी धार्मिकता में बने रहने के लिये उसकी सामर्थ के अनुसार वह सब कुछ करे। वह सक्रिया हो, काम करने के जोश से भरा हो ChsHin 138.3
और अपने प्रभु की सेवा के योग्य हो। यीशु मसीह चाहते हैं कि हर व्यक्ति अपना कर्त्तव्य निभाये। हर किसी शिष्य का यह मूल मंत्र हो कि वे प्रभु के काम के प्रति वफादार हों। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 5:460) ChsHin 138.4