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कोमलता ChsHin 186

वह आत्मा जो षुरू से कोमल स्वभाव की है वह जागृति के लिये और अधिक प्रभावी तरीके से सच्चाई के पक्ष में कोई भी बात कहेगी, चाहे वहाँ कितनी भी दबावपूर्ण स्थिति हो। (डिजायर ऑफ ऐजेज़- 353) ChsHin 186.1

जिस प्रकार सुबह की ओस अभी भी उन सूखे मुरझाये पौधों पर पड़ती है वैसे ही प्रभु का वचन बड़ी कोमलता से उन आत्माओं पर पड़ने दो जब उन मनुश्यों को ढूंढ़ते हो जो बुराई में है। परमेश्वर की योजना है कि पहले लोगों के हृदय तक पहुँचाजाये। हमें सच्चाई को बड़े प्रेम से बताना है, प्रभु में विश्वास रख कर कि हमें जीवनो को बदलने की षक्ति वही देगा। प्रेम से कहा गया सत्यवचन पवित्र आत्मा द्वारा काम करेगा। (द मिनिस्ट्री ऑफ हीलिंग- 157) ChsHin 186.2

एक कोमल मन, उदार मन को जीतने वाला काम, गुनाहगारों को बचा सकता है। और हजारों लोगों के पाप को छिपा सकता है, तुम्हारे अपने चरित्र द्वारा दर्शाया गया प्रभु यीशु मसीह का चरित्र तुम्हारे संपर्क में आने वाले हर एक व्यक्ति को बदल देने की षक्ति रखता है। प्रभु यीशु को प्रतिदिन अपने कार्यो में प्रतिबिम्बित करो और वह तुममें अपने जीवित वचन को कार्यरूप में दर्शायेगा, एक उदार परमेश्वर का अनुसरण करने वाला, किन्तु एक ताकतवर प्रभाव दूसरे लोगों को हमारे प्रभु यीशु मसीह की सुन्दरता में फिर से बनायेगा |(थॉट्स फ्राम द माऊन्ट ऑफ बलेसिंग- 129) ChsHin 186.3