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निश्पक्षता ChsHin 186

प्रभु यीशु उद्धारकर्ता, जब तक हमारे बीच रहा, उसने गरीबों के साथ सब कुछ बांटा। उसने उनकी जरूरतों को व कठिनाईयों का स्वयं अनुभव किया था, तभी वह उसके काम करने वालों को षान्ति और उत्साह प्रदान करता था। वे जिन्होंने प्रभु को सही अर्थो में जाना और उसकी शिक्षाओं को समझा था, वे कभी ये कभी महसूस नहीं करेंगे कि लोगों के बीच में भेदभाव किया जाये । या धनी लोगों को गरीबों से अधिक सम्मान दें। (द डिजायर ऑफ ऐजेज़- 73) ChsHin 186.4

जब तुम उन लोगों को देखते हो जो उतने आकर्शक और अच्छे नहीं दिखाई देते तब क्या तुम यह मसहूस करते हो कि उन आत्माओं को तुम नकार रहे हो, जिन्हें प्रभु यीशु खोज रहा है ? ठीक उसी समय जब तुम उन्हें ठुकराते हो, उन्हें तुम्हारी सहानुभूति की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। प्रार्थना सभा में हर एक व्यक्ति षान्ति और आराम चाहता है। चाहे वे एक लापरवाही का जीवन जी रहे हों किन्तु फिर भी पवित्र आत्मा के प्रभाव से अनजान नहीं होते। उनमें से कई प्रभु के लिये जीते जा सकते है। (क्राइस्ट ऑब्जेक्ट लैसन्स- 191) ChsHin 187.1

सुसमाचार पाने का काम संकीर्ण नहीं होना चाहिए और न ही केवल कुछ चुने हुये के लिये हो, जिन्हें षायद हम समझते है कि वे इसका श्रेय हमें प्रदान करेंगे, यदि वे प्रभु को स्वीकार करते है। बल्कि संदेश तो हर एक को सुनाया जाना है, जहां कहीं भी लोगों के हृदय सत्य वचन को सुनने के लिये खुले हो, क्योंकि प्रभु यीशु स्वयं उन्हें सलाह देने, निर्देश देने को तैयार है। (द डिजायर ऑफ एजेज़- 194) ChsHin 187.2