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बहादुर और सच्चे ChsHin 190

इन भयानक दिनों में कलीसिया को जिसकी जरूरत है, वह है एक सेना, कामगारों की सेना, जैसे पौलुस ने उन्हें शिक्षित किया ताकि वे प्रभु के काम के योग्य ठहरें, जो प्रभु की बातों में गहरा अनुभव रखते हैं, और जोश और उत्साह से भरे हैं। पवित्र किये हुये और स्वार्थ का त्याग करने वाले, पुरूशों की जरूरत है। पुरूश जो कोशिश करना नहीं छोड़ेगे और अपनी जिम्मेदारियाँ समझेंगे। जो बहादुर और सच्चे हैं, जिनके हृदय में प्रभु यीशु ने “महिमा की आषा” रची है, और जिनके होठों को पवित्र आग से छू दिया है वे ही वचन का प्रचार करेंगे। क्योंकि ऐसे काम करने वालों के कंट गों पर परमेश्वर का काम निर्भर है। इनमें खतरनाक गलतियाँ भी होती जो खतरनाक जहर के समान हैं, जो मनुश्यों के नैतिकता को धूमिल करती और मानव जाति को दी गई आशा को मिटाने का काम करती है। (द एक्ट्स ऑफ अपॉसल्स- 507) ChsHin 190.5

युद्ध एवं संघर्शों के बीच विरोधों के बीच, भयभीत करने वाले, हानि तथा मानवीय तकलिफों के बीच आत्माओं को बचाने का काम आगे बढ़ाना है। किसी एक युद्ध में किसी एक रेजीमेंट के हमलावरों को षत्रु सेना के द्वारा पीछे धकेल दिया गया, तब ध्वजा वाहक अपनी ही जगह पर खड़ा रहा जबकि सारी सेना वहां से कूच कर गई। तब सेनापति ने चिल्लाकर उसे ध्वजा को वापस लाने को कहा, किन्तु उस ध्वजा वाहक का जवाब था, “सैनिकों को झण्ड़े के पास लाओ।” ये ही वह काम है जो आज हर एक वफादार को प्रभु के झण्डे को ऊँचा उठाने में करना है। सब लोगों को मसीह के झण्डे के तले इकट्ठा करना है, प्रभु यह काम पूरे दिल से चाहता है। हम जानते है कि अनेक दिखावा करने वाले जो केवल मसीह तो कहलाते है पर उनमें हिम्मत व जोश की कमी है, जिसके कारण वे न तो स्वयं प्रभु के उच्च स्तर को प्राप्त करते है और न ही उनसे जुड़े अन्य लोगों को प्रभु के पास लाते है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 9:45, 46) ChsHin 191.1

परमेश्वर ऐसे लोगों को उपयोग में नहीं लाता जो ऐसे कठिन समय में जब सब लोगों को हिम्मत रखने षक्ति और प्रभावशाली होने की जरूरत है, किन्तु वे सही बातों के लिये दृढ़ खड़े रहने से डरते है। वह ऐसे लोगों को बलाता है जो गलत बातों के विरूद्ध बडी ईमानदारी से लडेंगे. सांसारिक ताकतों व राज्यों के विरूद्ध इस संसार के अंधकार की ताकतों के विरूद्ध आत्मिक बुराईयों के विरूद्ध लड़ने को ऊँचे स्थानों पर खड़े होंगे। और फिर वह ये कह षब्द कहेगा, “शाबास, मेरे भले और विश्वास योग्य दास।” (प्रोफेट्स एण्ड किंग्स- 142) ChsHin 191.2

परमेश्वर, एलियाह, नातान, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला जैसे पुरूशों को बुलाना चाहता है जो उसके संदेश को बड़ी वफादारी से लोगों तक पहुंचायें, चाहे उसका परिणाम जो भी हो। पुरूश जो सत्य को बहादुरी से प्रचार कर सकें, यद्यपि इसके लिये उन्हें अपना सब कुछ त्याग करना पड़ सकता है। (प्रोफेट्स एण्ड किंग्स- 142) ChsHin 191.3