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अध्याय — 16
कलीसिया की वषद्ध के कार्य एक स्वर्गीय ChsHin 245

योजना ChsHin 245

परमेश्वर की यह योजना बिल्कुल भी नहीं है कि उसके लगे बड़े-बड़े समूह बनाकर एक जगह एकत्र होकर एक बड़ा समाज बनाये । प्रभु के चेले उसके प्रतिनिधि है जो इस पष्थ्वी पर है, और परमेश्वर ने चाहा है कि वे सारे देश में फैल जाये कस्बों में शहरो में गांवो में चले गये है। जिस प्रकार जगत के अंधकार में ज्योति । (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 8:44) बड़े-बड़े बनाने की योजना या अलग-अलग स्थानों पर कूच कर के अन्यत्र जाना, जहाँ कमजोर और कम प्रभावशाली लोग हे और ज्यादा ध्यान उन पर देना जहाँ ज्यादा घनी आबादी है। ये ऐसे काम है जो बताते हैं कि प्रभु की ज्योति वहाँ से हटाई जा रही है, जहाँ परमेश्वर चाहता है कि उसकी रौशनी चमके। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 2:633) ChsHin 245.1

यदि प्रभु के लोग उसके उद्देश्य को पूरा कर रहे थे तो प्रभु के जीवन की रौशनी उन अंधकार से भरे स्थानों और राज्यों से मौत के अंध कार को दूर कर देते। एक साथ मिलकर सभा करने के बदले, अपनी जिम्मेदारियों को भूल जाने और कस को उठाने के बदले, यदि कलीसिया के सारे सदस्य जगह-जगह चले जायें और प्रभु के जीवन की ज्योति बिखेंरे ठीक उसी प्रकार काम करें, जैसे मसीही यीशु ने किया था, लोगों कही आत्माओं को बचाने के लिये । और ये स्वर्ग राज्य का सुसामचार बड़ी तेजी से दुनिया भर में फैला दिया जाता। (थॉट्स फ़ामद माऊण्ट आफॅ ब्लेसिंग 42, 43) ChsHin 245.2

भाईयों और बहनों तुम क्यों केवल कलीसिया के बारे में ही सोचते हो? जाओं, खोई हुई भेड़ का दष्टान्त पढ़ो, सच्चे चरवाहे के समान निकल पड़ो, उसे खोई हुई भेड़ को ढूंढने के लिये जो पाप के जंगल में खो गई है। नाश होने वाली उन आत्माओं को बचाओं। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड, 12 दिसम्बर 1893) ChsHin 246.1

कलीसिया के लोगों को काम अभी तक पूरा कर लेना चाहिये था, जिसे उन्होंने अभी तक प्रारंभ ही नहीं किया। किसी को भ्ज्ञी नई जगहों पर नही जाना चाहिये जहाँ शायद वे सांसारिक लाभ की खोज में जाते है किन्तु वहॉ जीविका कमाने के साधन प्राप्त हो, वहाँ एक या दो परिवार जो सच्चाई में सुदृढ़ है जाकर सुसमाचार प्रचार कार्य कर सकते हैं। उनमें आत्माओं के प्रति प्रेम महसस करना चाहिये, एक बोझ महसस करना चाहिये उनको बचाने का बोझ । और अच्छी तरह तैयारी कर उन्हें सत्य की पहचान कराना चाहिय । इसके लिये वे पत्रिकायें व किताबे बांट सकते, घरों मे सभाये कर सकते उनके पड़ोसी से मिल सकते, उन्हें भी अपनी सभाओं मे निमंत्रण दे सकते है। इस प्रकार वे अपनी रौशनी अच्छे कामों को कर दिखा सकते है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 8:245) ChsHin 246.2

भाईयों आप जो अपना स्थान बदलना चाहते, जो प्रभु की महिमा को देख सकते और ये महसूस करते कि प्रत्येक के कंधो पर यह जिम्मेदारी है कि दूसरों की भलाई करें। उन्हें लाभ पहुंचाये और जिम्मेदारी हैं कि दूसरों की भलाई करें। उन्हें लाभ पहुंचाये और उनकी जान बचायें जिनके लिये प्रभु यीशु ने अपनी जान को भी नहीं रख छोड़ा। ऐसों के लिये कस्बों व गांवो मे निकल जायें जहाँ थोड़ी या नहीं के बराबर सच्चाई की पहचान है। और जहाँ वे लोगों के लिये स्चचे सेवक और आशिष का कारा ठहर सकते है। उनके लिये परिश्रम करने के द्वारा और अपने अनुभव उन्हें बताकर सच्चाई में ला सकते है, प्रचार सहायक व सेवक कस्बों व गांवो में जाकर सत्य को ऊंचा उठा सकते है, जिससे प्रभु की गवाही पूरे देश में हो सके। ताकि प्रभु की रौशनी अंधकार को चीरते हुये वहाँ पहुँच आज तक घोर अंधकार था। रौशनी की जानकारी ही नहीं थी। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 2:115) ChsHin 246.3

ऐसी कोई वस्तु नहीं जो स्वेच्छा बलिदान की चाह को जागष्त करें, और चरित्र को विकसित कर ताकतवर बनाये ताकि वह दूसरों के लिये काम करने में समर्थ हो सकें। कई दष्ढ़ प्रतिज्ञ मसीही कलीसिया से संबंध | जोड़ने के लिये केवल अपने बारे में ही सोचते है। वे केवल कलीसिया का साथ और पादरी के द्वारा उनकी चिंता किया जाना पंसद करते है। बड़े वे समष्द्ध कलीसियाओं के सदस्य बन जाने और थोड़ा बहुत दूसरों के लिये करके संतुष्ट रहते है। इस प्रकार अपने आप को उन सर्वाधिक बहुमूल्य आशिषों से दर कर रहे है। कई लोग तो काफी लाभान्वित भी होगें, अपनी खुशियों का तथा आसानी से मिलने वाला एक दूसरे का साथ से उन्हें वही जाना चाहिये जहाँ उनकी ताकत का उपयोग मसीही कामों में किया जा सकता है। और साथ ही वे जिम्मेदारी निभाना भी सीख सकते है। (द मिनिस्ट्रिी ऑफ हीलिंग 151) ChsHin 246.4

ऐसी हजारों जगहों में जाने की जरूरत है, जहाँ सच्चाई का मान अभी तक नहीं बढ़ा है जहाँ सच्चाई का बिगुल कभी नहीं गुजा और वह देश अमेरिका है और वहाँ हजारों लोग ऐसे है जो फसल बटोरने के लिये खेतों में आ जायेगें और जो अभी धार्मिकता के लिये खेतो में आ जायेगे और जौ अभी धार्मिकता के लिये कुछ नही करते और परिणाम स्वरूप स्वर्ग के राज्य में जाने के लिये लंगड़ा कर लते हैं। इस संदेह में कि क्या वे मसीही है? यीशु के साथ मजबूत संबंध बनाने की । तभी यह कहा जा सकेगा। तुम प्रभु के साथ परिश्रम में सहभागी हो मैं कई लोगों से कहना चाहता हूँ कि तुम अभी भी प्रतिक्षा कर रहे हो कि कोई आयें और तुम्हें उठाकर प्रभु की बारी तक ले जायें और तुमैं काम पर लगाये। या तो प्रभु की बारी को उठाकर तुम्हारे पास ले आयें। जिससे तुम्हें परिश्रम करने में ज्यादा तकलीफ न झेलना पड़े। तुम्हारा इंतजार व्यर्थ है। यदि तुम अपनी आंखे ऊपर उठाओं तो देखोगें कि फसल पक गई है। हॅसुआ लगाने के लिये तैयार है, जिस भी ओर से तुम देखोगे तुम्हें काम या तो पास फिर दूर नजर आयेगा। परन्तु प्रभु कितनों को न्याय के समय कहेगा, “भले और वफादार सेवक? मुझे लगता है कि इस अंत समय में स्वर्गदूत क्या महसूस करेंगे ये देखकर कि मनुष्यों का अंत निकट है। वे जो ये कहते है कि वे परेमश्वर को और प्रभु यीशु को, उसने भेजा जानते है। वे भीड़ को और प्रभु यीशु को जिसे उसने भेजा, जानते है। वे भीड़ लगाते, नई बस्तियाँ बसाते, सभाओं में सम्मिलित होते और जब उनके सब प्रयास विफल होते तो असंतुष्ट हो जाते है। क्योंकि वास्तव में वे कुछ भी नहीं करते । यदि उनकी सांसारिक रूपये-पैसे संबंधी इच्छायें विभिन्न स्थानों में घूमने से भी पूरी नही होती, जहाँ अभी तक सच्चाई का प्रचार है तो लेकिन उसकी वर्षद्ध हुई ही नही । क्या वे वही कार्य नहीं करेंगे जो प्रभु यीशु ने उन्हें बचाने के लिये किया? (द जनरल कॉन्फ्रेंस कुलेटिन 1893, 131) ChsHin 247.1

हम देखते है कि प्रचार कार्य करने का काम सच्चाई को विदेशी में ले जाना ही नहीं है। बल्कि उनके पास भी जो करीब हैं हमारे आसपास ही ऐसे बहुत से शहर और नगर हैं जिनमें आत्माओं को बचाने के लिये परिश्रम किया ही नहीं गया। वे परिवार जिन्हें सच्चाई का ज्ञान है वर्तमान सत्य को जानते हे, वे जाये इन शहरों व कस्बों में जाकर बस जाये और वहाँ प्रभु यीशु के बारे मे बताये नम्रतापूर्वक काम करें, अपनी तरह से नहीं परन्तु परमेश्वर की इच्छा अनुसार उन लोगों को ज्योति में लायें, जिन्हें उसके बारे में जानकारी नहीं है। जब कलीसिया वास्तव में संदेश देने वाली आत्मा पा लेगी तभी वे अपनी सारी ताकत इस काम को करने में लगा देगी कि आत्माओं को बचाये। जिनके लिये प्रभु यीशु ने अपनी जान दी। वे एक नये क्षेत्र में प्रवेश करेंगे कुछ जो अभिषिकत सेवक नहीं हैं वे परमेश्चर के साथ कलीसिया से मिलेगें। तथा उन्हें जो बाकी बचे हैं सुदृढ़ बनाने का प्रयास करेंगे। और जो खत्म होने पर हैं उन्हें पुर्नजीवित करेंगे । सामान्य लोग भी शहरों व कस्बों और शायद उन अलग-थलग स्थानों में भी जायेगे जहाँ प्रभु की ज्योति चमका सकें। कुछ लोग जिनसे वे जहाँ प्रभु की ज्योति चमक सकें। कुछ लोग, जिनसे वे मिलेगें हो सकता है उनमें से कोई भी उतना विशेष ध्यान देने वाला न हो। फिर भी यह देखना होगा कि कौन है जो प्रभु यीशु के साथ जुट जायेगें? क्या वे उसकी आत्माको ग्रहण करेगे? जिससे की उनका प्रभाव उनके समझ में और प्रमाण द्वारा वे अपने आप को सत्य और धार्मिकता के प्रवर्तक के सामने प्रस्तुत करेंगे? उन स्थानों पर जहाँ अभी तक सच्चाई नहीं पहुंच पाई है उन भाईयों ने काम को अपने हाथों मे लिया है। और वे उसे पूरा करने के लिये हॉल किराये पर लेते और वे उचित स्थान जहाँ लोगों को एकत्र किया जा सके और जहाँ लोगों को अधि क से अधिक लोग आ सके। तब उन्हें लोगों को सच्चाई के प्रति सचेत करें। उन्हें धर्म, उपदेश नहीं है दे, बल्कि बाईबल ले जाकर, परमेश्वर के वचन से सीधे उनसे बातचीत करें। यदि वहाँ कम लोग भी उपस्थित हो तो यहोवा की यही वाणी है, बिना किसी बड़े दिखावें या उत्तेजना के कह सकेंगे। तब उस वचन को पढ़कर सरल शब्दों में सच्चाई का सुसमाचार समझायेगें और उनके साथ भजन गाये व प्रार्थना करें। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड 29 दिसम्बर 1891) ChsHin 248.1