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अध्याय — 19
आंतरिक और बाहरी कार्यक्षेत्र ChsHin 269

कार्य जितना महत्वपूर्ण यहाँ है उतना ही विदेष में भी ChsHin 269

मेरे भाईयों और बहनो जागो और उठो और अमेरिका के क्षेत्रों में जाओं जहाँ अभी भी प्रचार कार्य नही हुआ है। जब तक तुम विदेषों में कोई काम नहीं करते तब ये मत समझो की काम पूरा हो गया है। आज भी विदेशों में काम करने की जरूरत है। अमेरिका के षहरों में सभी भाशा बोलने वाले लोग मिलेगें। इन्हें परेष्वर चाहता है कि वचन की रौषनी मिले जो प्रभु ने अपनी कलीसिया को दी है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 8:36) ChsHin 269.1

जबकि योजनायें बनाई जा रही है कि दूर दराज के देषों के लोगों को आज की सच्चाई से चिंताया जाये। इन विदेषियों के लिये, जो हमारे देष की सीमाओं तक आते है, को भी काफी कुछ किये जाने की जरूरत है। चीन के लोगों की ईमानदारी से परिश्रम करने जरूरत है, दूर देषों मं जाने की जिससे परमेष्वर के दान उनके लिये द्वारा खोल सके और फिर वे भी अपना कर्तव्य उन विदेषी लोग जो विभिन्न देषों से उनके देष में आते हैं, से निभा सकें, चाहे वे किसी षहर, गांव या छोटे कस्बे में हो जो आस-पास पाए जाते हैं। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड 25 जुलाई 1918) ChsHin 269.2

न्यूयार्क षहर, षिकागों में और अन्य जनसंख्या के बड़े केन्द्रों में कई विदेषी लोग हैं, विभिन्न देषों के अनेक लागे जो अभी तक चिताये नहीं गये है। सातंवा दिन सब्बत मानने वालों में ज्यादा जोष है, और मैं यह नहीं कहती कि ये कुछ अधिक तो नहीं विदेषों में प्रभु का काम करने में अपने जोष व उत्साह का प्रदर्षन यदि आस-पास के देषों में दिखाया जाता है तो प्रभु को प्रसन्नता होगी। उसके लोगों को सोच समझ कर चलना होगा। और षहरों में इस काम को करने के लिये गंभीर उत्सुकता जरूरी है। कुषल एवं ध्यान पूर्वक काम करने वालों को इन षहरों में काम करने के लिये नियुक्त कर भेजा जाना चाहिये। अनेक वर्ग के मजदूरों को एक जुट होकर लोगों को चिताने के प्रयास करने है। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड 25 जुलाई 1918) ChsHin 269.3