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दोबारा प्रयास का महत्व ChsHin 294

जिस प्रकार लोगों की एक बड़ी भीड़ के सामने सच्चाई का बखान करने के परिणाम स्वरूप, आत्मा में कुछ प्रष्न अपने आप जाग्रत हो जाते है। और ये विषेशकर जरूरी भी है कि ऐसी रूचि को व्यक्तिगत रूप से परिश्रम की आवष्यकता है, कि वचन का अध्ययन बड़ी अच्छी तरह से कराया जाये। किसी न किसी को उनकी विष्वास की नीव पर सच्चाई का भवन खडा करना होगा। ऐसे कठिन मौके पर जबकि उनकी धार्मिकता का अनुभव षुरू ही हुआ है, यह कितना महत्वपूर्ण है कि बाईबल सिखाने वाले बुद्धिमान लोग मदद के लिये सामने आयें और उनकी समझ के अनुसार उन्हें परमेष्वर के वचन के खजाने को उनके सामने खोल दे। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 9:111) ChsHin 294.3

सुनहरा अवसर तो गंवा दिया गया। जो प्रभाव डाले गये थे, उन्हें दोहराया नहीं गया। षायद ये ज्यादा अच्छा होता कि ये कोई रूचि जागृत ही नहीं की जाती। क्योंकि जब जीवन में बदलाव आ जाता और जीवन की बातों पर काबू पा लिया जाता है तब बड़ा मुष्किल होता है फिर से सच्चाई के साथ वही प्रभाव मन-मस्तिश्क पर डाला जा सके । (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 2118) ChsHin 295.1