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सफलता के लिये जरूरी ChsHin 322

पवित्र आत्मा की उपस्थिति परमेश्वर के लोगों के साथ सच्चाई का उद्घोषणा करने में शक्तिशाली साबित होगी, जबकि संससार का सारा आदर वमहिमा इसे उतना शक्तिशाली नहीं बना कसते। (द एक्ट्स आफॅ अपॉसल्स 51) ChsHin 322.2

परमेश्वर हमें काम करने के लिये अपनी ताकत पर भरोसा रखकर करने को नहीं कहता। उसने स्वर्गीय सहायकों को हर एक आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिये दिया है जो स्वयं मनुष्यों को ताकत व साध नों से मेल नहीं खाते। वह पवित्र आत्मा देता है किसी भी मुसीबत में मदद करने के लिये हमारी आशा और सामर्थ को मजबूत बनाने, हमारे मस्तिष्क को रौशन करने और हष्दयों को पवित्र बनाने के लियें। (द सदर्न वॉचमेन 1 अगस्त 1905) ChsHin 323.1

पवित्र आत्मा के उतरने के बाद, शिष्य प्रभु के प्रेम से इस भर गये और उनके प्रति भी, जिनके लिये प्रभु यीशु ने अपनी जान दी। जिससे की लोगो के हष्दय उन प्रार्थनाओं से उन शब्दों से पिघल जाये जो प्रार्थना में कहे गये और वचन जो उन्हें सुनाये गये। उन्होंने आत्मा की सामर्थ में होकर, कहे उस सामर्थ में आकर कहें, जिससे हजारों लोगों ने अपना मन फिराया। (द एक्ट्स आफैं अपॉसल्स 22) ChsHin 323.2

परमेश्वर के कार्य के लिये जो स्वार्थी न हो, पवित्र आत्मा को अपने हष्दय में काम करने और एक पूर्ण समर्पित जीवन जीने वालो हो, उसके लिये काम की कोई सीमा नहीं उसका जीवन प्रभु के लिये उपयोगी है वह कही भी काम में ला सकता है। (द सदर्न वॉचमेन 1 अगस्त 1905) ChsHin 323.3

पेन्तिकोस्त के दिन पवत्रि आत्मा को उड़ेला जाना था परिणाम लाया था? हमारे उद्धार कर्ता के उठने से जो खुशी का सुसमाचार उस समय के अंजान जगत के बीच सर्वोच्च ऊँचाई तक पहुंचाया गया। उनके परिश्रम के कारण कलीसिया में चुने हुये लोगों का समावेश हुआ, जिन्होंने जीतिव वचन और अपने आप को समर्पित कर अन्य लोगोको आशा दिलाई जिससे उनके हष्दय खुशी और शांति से भर गये। सैंकड़ो लोगो ने “परमेश्वर का राज्य करीब है’ के नारे को बुलन्द किया। उन्हें किसी प्रकार का डर या धमकी प्रचार करने से रोक न सकी। प्रभु ने उनके द्वारा लोगों से बाते की। और जहाँ—कही वे गये बिमार, चंगे हुये, गरीबों को आनन्द का सुसामचार सुनाया गया। जब मनुष्य अपने आप का पवित्र आत्मा के हाथों में सौंप देता है, तो परमेश्वर का काम बड़े शक्तिशाली तरीके से होता हैं। (द सदर्न वॉचमेन 1 अगस्त 1905) ChsHin 323.4

पवित्र आत्मा, आध्यात्मिक जीवन जीने का श्वास है। पवित्र आत्मा के साथ सम्भागी होने का अर्थ है, प्रभु यीशु के जीवन के सम्भागी होना। ये पवित्र आत्मा पाने वाले को प्रभु यीशु के चरित्र में रंग लेता है। तब केवल वहीं, जिसे परमेश्वर के बारे में इतना सिखाया गया है। और जो पवित्र आत्मा को आंतरिक शक्ति के रूप में पाते है, और जिनके जीवन में प्रभु यीशु का चरित्र दिखाई पड़ता है, वे ही प्रभु के प्रतिनिधि के रूप में खड़े हो सकते, जो कलीसिया के लिये सेवकाई करते है। (द डिजायर ऑफ द एजेज 805) ChsHin 324.1

जल्दी ही बड़े विशेष परिवर्तन लोगों में दिखाई देंगे और परमेश्वर के लोग पवित्र आत्मा से भर जायेंगे, जिससे स्वर्गीय बुद्धि से वे इस युग की कठिन व अचानक आने वाली विपत्तियों को सामना कर सकें। और जहाँ तक हो सके इस जगत को धर्म भ्रष्ट करने वाली ताकतों को नष्ट करों यदि कलीसिया जागष्त है, सो नही रही, प्रभु सेवक यदि प्रार्थना करते और जागते रहते हैं। तो शायद वे प्रभु की ज्योति को समझने और शत्रु की चालों को जान पायेंगे। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 6:436) ChsHin 324.2