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मूल्यांकन का आधार ChsHin 338

प्रभु को दी गई सेवा का मूल्य, पवित्र आत्मा के द्वारा मापा जायेगा जिसमें होकर कार्यपूर्ण किया गया। इसके द्वारा नही, कि कितना अधिक समय परिश्रम में खर्च किया गया। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च —9:74) ChsHin 338.3

स्वर्गीय जीवन को पाने के लिये किये गये प्रयासों को सफलता पूर्वक अग्रसर होना इस बात पर निर्भर करता है। कि सौपे गये तोडों में कितना सुधार लाया गया है। उनको मिलने वाला ईनाम उनकी कार्य के प्रति एकाग्रता और कार्ययुशलता पर निर्भर करता हैं जो उन्होने प्रभु की सेवा में लगाई। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड- 1 मार्च , 1887) ChsHin 338.4

प्रभु यीशु के पास बहुत महान कार्य है, जो किया जाना है। और वह उसे उन लोगों को सौंपेगा जो वर्तमान में सबसे ज्यादा वफादार और स्वेच्छा पूर्वक करते है। (काइस्टस ऑब्जेक्ट लैसन्स-330) ChsHin 339.1

वे जो अंतिम घंटो में प्रभु की दाख की बारी में काम करने आये व धन्यवादी है कि उन्हें काम करने का मौका मिला। उनके हदय कष्तज्ञता से भरे हुये थें बारी के मालिक के प्रति कि उसने उन्हे अंतिम समय मे बारी के मालिक के प्रति कि उसने उनहें अंतिम समय में बारी में प्रवेश करने की सम्मति प्रदान की औश्र जब दिन के पूरे होने पर उसने उन्हें पूरे दिन की मजदूरी दी तो वे अत्यंत आशचर्य चकित हुये। उन्हें पता था उन्होने इतनाकाम किया ही नही है और उनके मालिक के चेहरे पर दयालुता देखकर उनके हदय खुशी से झूम उठे। वे अपने मालिक की भलाई को कभी न भूले और उस उदारता भरी सहायता, जो उन्हें प्राप्त हुई थी। तीसरे प्रहर प्रवेश किया। उसका सेवा करने का समय बहुत थोडा ही जान पडता है उसे लगता है कि वह उस ईनाम के योग्य नही है, फिर भी खुशी से भर जाता है कि प्रभु ने उसे आखिर स्वीकार किया हैं। वह बडी नम्रता, भरोसा पूर्ण आत्मा और अपने आप को यीशु स्त्रीष्ट के साथ सहर्मी होने का अवसर प्राप्त हुआ। ऐसी आत्मा को परमेश्वर सम्मान प्रदान करने से खुश होता है। (काइस्टस ऑब्जेक्ट लैसन्स-397,398) ChsHin 339.2