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निश्चित उपहार ChsHin 339

वह जिसने हर एक व्यक्ति को उसका काम उसकी योग्यता अनुसार सौंपा है, वह कभी भी एक भरोसेमंद की गई सेवा को बिना उसका उपहार लिये जाने नही देगा। हर एक वफादारी और भरोसे से किया गया काम का ताज-पोशी की जायेगी, उसे सराहा जायेगा। उसे परमेश्वर के विशेष के विशेष सम्मति और स्वीकषत प्रदान की जायेगा। हर एक कायकर्ता को यह वायदा किया गया है, वह जो बीज बोने को निकल पडता किन्तु ऑसू बहाता है, वचन रुपी कीमती बजी लेकर आगे बढता है, निसंदेह वह जय-जयकार करता हुआ लौटेगा, अपनी कटनी साथ में लिये हुये। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च —5:395) ChsHin 339.3

हमारी सेवा चाहे छोटी या कोई सामान्य काम ही क्यों न हो, यदि हम साधारण विश्वास से प्रभु यीशु के पीछे चलते है, ईनाम पाने के समय प्रभु हमें निराश नही करेगा। वह कजसे सबसे महान व सबसे बुद्धिमान नही पा सकें। उसके सबसे नम्र, उदार और कमाजोर लोगा। पायेंगें। स्वर्ग का सोने का द्वारास्वों को उँचा उठाने वालो के लिये नही खुलेगा। न ही वह द्वाराउपर उठेगा जो घमंट करते है किन्तु वह हमेशा का जीवन का द्वारा उन छोटे बच्चों के लिये खुलेगा जो कांपते हुये हाथों से उसे छुयेंगें। अनुग्रह से भरपूर वे जो धन्य ठहराये जायेंगे। जिन्होंने प्रभु के लिये बडे प्रेम और भरोसा रखकर काम किय। (काइस्टस ऑब्जेक्ट लैसन्स-404) ChsHin 340.1

उन लोगों के सिरो पर वह बलिदान का मुकुट रखा जायेगा। जो यह काम करते है। क्योकि व अपना ईनाम पायेंगे। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च —6:348) ChsHin 340.2

प्रभु के हर एक कर्मचारी के लिये ये विचार और प्रोत्साहित करने वाला होना चाहिये। इस जीवन में किये गये काम हमें लगभग बिना फलदाई प्रतीत होते है, भलाई करने के लिये किया गया परिश्रम शायद उचित व हो सकता है फिर भी हमें उसका प्रतिफल खोया हुआ सा प्रतीत हो किन्तं हमारा छुड़ाने वाला हमें भरोसा देता है कि हामारे हर एक काम का लेखा रखा जा रहा है, जिसका प्रतिफल मिले बिना न रहेगा। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च -6:305) ChsHin 340.3

हर एक काम हर न्याय का काम दया और दूसरों की भलाई स्वर्ग में खुशियाँ लाती है। हमारा पिता जो अपने स्वर्गीय सिहांसन से देखता और उन भलाई करने वालो को अपने किमती खजाने में तोडे के रुप में इक्टठा करता हैं और वे मेरे होगें सेनाओं का परमेश्वर कहता है, जब में अपने ओगों को पाउँगा। हर एक दया से पूर्ण किया गया कार्य जा किसी गरीब या पीडित व्यक्ति के लिये किया गया मानों वह प्रभु के लिये किया गया। जो कोई भी गरीबों की जरुरत के समय मदद करता और मुसीबत के मारों व बोझ से दबे लोगों के प्रति सहानुभुति रख्ता, अनाथों का मित्र बन जाता वही अपनेआप को प्रभु यीशु से करीबी रिश्ता कायम करता है। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड-16 अगस्त 1881) ChsHin 340.4

प्रभु यीशु ह रवह कार्य जो दया, दूसरों की भलाई, आभगों,अंधे, लंगडे, बिमार,विधवा तथा अनाथों को अपना समझ कर उनकी सेवा करना आदि काम प्रभु को पसंद है। और ये सब के सब काम स्वर्गीय किताबों में दर्ज है। और उन्हे पुरुस्कप्त किया जायेगा। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च -3:512,513) ChsHin 340.5