विलियम मिल्लर
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- यीशु का बदला हुआ रूप
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विलियम मिल्लर
मैंने देखा कि ईश्वर ने एक अविश्वासी किसान के पास अपने दूत को भेज कर उसके मन में बाईबिल की भविष्यवाणियों को ढूँढ़-ढाँढ़ करने के लिये उत्साहित किया। उस चुना हुआ व्यक्ति को स्वर्गदूतगण बार-बार भेंट करने आते थे। उसकी अगुवाई कर उसका मन को भविष्यवाणियों को समझने के लिये बुद्धि देते थे जो ईश्वर के लोगों के लिये अंधकार में था। सत्य की कड़ी की शुरूआत आरम्भ हुआ और उसे एक के बाद एक रहस्यमय बात को समझाते गये। ईश्वर के वचनों की विचित्रता की वह प्रशंसा करता गया। उसने देखा कि सत्य की कड़ी अटूट है यानी सच्चाई छिन्न-भिन्न नहीं है। जिस वचन को वह ईश्वर की प्रेरणा नहीं है, बोलता था वही अब उसकी दृष्टि में सुन्दरता और महिमापूर्ण है। उसे मालूम हुआ कि बाईबिल का एक भाग दूसरा भाग का रहस्य को खोलता है। जब एक जगह का पदस्थल उसकी समझ में नहीं आती थी तो दूसरी जगह का पदस्थल उसे स्पष्ट करता था। उसने ईश्वर का पवित्र वचन को आनन्द से ग्रहण किया और उसका बड़ा आश्चर्य के साथ आदर किया। 1SG 101.1
जब भविष्यवाणियों का अध्ययन का अन्तिम समय में वास कर रहे हैं जिसका हमें पता नहीं है। उसने मण्डली की भ्रष्टाचार-दशा को देखा। उनमें यीशु का प्रेम नहीं है पर संसार का प्रेम है। स्वर्ग का सम्मान पाने के बदले वे दुनिया का सम्मान पाना चाहते हैं। स्वर्ग में धन जमा करने के बदले दुनिया का धन-दौलत पर मन लगाते हैं। उसे चारों ओर ढोंग, अन्धविश्वास और मृत्यु दिखाई देती है। उसकी आत्मा अपने में सुगबुगाने लगी। ईश्वर ने उसे अपनी खेती-बारी का काम छोड़ने को कहा जैसा उसने एलिशा को अपना हल और बैलों को छोड़ कर एलिया के पीछे हो लेने को कहा था। विलियम मिल्लर ने थरथराते हुए ईश्वर के वचनों का रहस्य लोगों को बताया। सब प्रकार से उसे शक्ति मिली। उसने लोगों को प्रारम्भ की भविष्यवाणी से लेकर यीशु के दूसरे आगमन तक ले पहुँचाया। जैसे यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला ने यीशु का पहिला आगमन का सुसमाचार देकर उसके आगमन के लिये लोगों को तैयार किया वैसा ही विलियम मिल्लर और उसके साथियों ने भी यीशु के दूसरे आगमन का प्रचार जोर-शोर से किया। 1SG 101.2
मुझे दर्शन में चेलों के समय का दृश्य दिखाया गया। यीशु का प्रिय शिष्य यूहन्ना को ईश्वर एक विशेष काम करवाना चाहता था। शैतान तो उसका काम को रोकना चाहता था लेकिन उसे आश्चर्य रूप से बचा लिया गया। यूहन्ना को बचाने में ईश्वर की बड़ी करामात को जिन्होंने देखा वे आश्चर्य करने लगे। बहुत लोग विश्वास करने लगे कि ईश्वर उसके साथ है और जो गवाही दे रहा है यीशु के विषय इसमें कुछ गलती नहीं है। जो लोग उसको नाश करना चाहते थे अब दूसरी बार उसकी जान लेने का साहस नहीं कर रहे थे, अत एव उसे यीशु के लिये दुःख उठाने के लिए छोड़ दिया गया। उस पर झूठा दोष लगा कर निर्जन टापू (पतमोस) में भेजा गया जहाँ ईश्वर ने अपना दूत को भेजकर उन सारी बातों का भेद बताया जो पृथ्वी का कलीसिया में होने वाला है। मंडली का गिरना, उसकी दशा क्या होगी, पर यदि वह ईश्वर को खुश करेगी तो अन्त में विजयी होगी। स्वर्ग से एक दूत बड़ी महिमा के साथ यूहन्ना के पास आया। स्वर्ग की महिमा से उसका चेहरा खिल उठा था। उसने यूहन्ना को ईश्वर की मंडली का रोमांचित दृश्य दिखाते हुए बहुत संकट से गुजरेगी उसे भी दिखाया। यूहन्ना ने देखा कि मंडली को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ेगा पर अन्त में चोखा सोना की तरह विजयी होकर निकलेगा और ईश्वर के राज्य में गौरव हासिल करेगी। जब दूत ने यूहन्ना को ईश्वर की मंडली की गौरवपूर्ण विजय को दिखाया तो उसका चेहरा आनन्द से चमक उठा। मंडली का आखिरी छुटकारा को देख कर यूहन्ना खुशी से फूला नहीं समाया। जब उसे गौरवपूर्ण दृश्य दिखाया गया तो श्रद्धा और भक्ति के साथ दूत के पाँवों तले गिर कर उपासना करना चाहा पर दूत ने उसे तुरन्त उठा लिया। उसने उसे नम्रभाव से कहा कि तू ऐसा मत करो। मैं तो तुम्हारा सहकर्मी एवं भाई भी हूँ और उनका भी जो यीशु की गवाही देते हैं। सिर्फ ईश्वर की उपासना करो। यीशु की गवाही देना ही भविष्यवाणी की आत्मा है। इसके बाद दूत ने यूहन्ना को स्वर्ग का आश्चर्यजनक तेजस्वी और ऐश्वर्य को दिखाया। इस नगर की महिमा को देख कर यूहन्ना वशीभूत होकर आनन्द से भर गया। स्वर्गदूत की पहली चुनौती को भूल गया था। वह फिर उसे दण्डवत करना चाहता था तो पुनः दूत ने कहा - ‘ऐसा मत करो।’ क्योंकि मैं तुम्हारा सहकर्मी और भाई हूँ। भविष्यवक्ताओं और जो इस किताब के अनुसार ईश्वर की उपासना करते हैं उनका साथी हूँ। 1SG 102.1
प्रचारक और लोगों ने प्रकाशित वाक्च की किताब को रहस्यमय कह कर इस भाग को पवित्रशास्त्र का प्रमुख भाग नहीं माना है। परन्तु मैंने देखा कि जो लोग अन्तिम दिनों में वास करेंगे उनके लिये सचमुच एक-विशेष फायदा देने वाली होगी। उनकी सच्ची दशा और कर्तव्य क्या होना है उसे बतायेगी। ईश्वर ने विलियम मिल्लर को इस किताब की भविष्यवाणी को समझने के लिये विशेष ज्योति दी।1SG 103.1
यदि लोग दानिय्येल के दर्शन को भली-भाँति समझे हुए होते तो यूहन्ना की भविष्यवाणियों का सम्बन्ध को दिखाया तथा बाईबिल के और दूसरी जगहों की भविष्यवाणियों को भी लोगों को समझने में मदद की। इसमें पवित्र चेतावनियाँ थी जिस पर ध्यान कर चलने से मनुष्य के पुत्र का दूसरा आगमन की तैयारी कर सके। जिन्होंने इसे सुना उनके मनों में इसका बहुत गहरा असर हुआ। इस के बाद प्रचारक, पादरीगण, पापी लोग तथा अविश्वासी लोग प्रभु की ओर फिर कर न्याय के दिन की तैयारी में लग गये। 1SG 104.1
ईश्वर के दूतों ने विलियम मिल्लर के काम को पूरा करने में सहयोग दिया। वह अडिग और स्थिर खड़ा था। जो संवाद देने को उसे मिला था उसका उसने साहस के साथ प्रचार किया। जगत जो बुराई में डूबा था, ठंडा पड़ गया था, और मंडली भी दुनियादारी बन गई थी, उसी को सुधारने के लिए उसने जोर लगा दिया। इसके लिये वह खुशी से परिश्रम करने, दुःख सहने के लिए भी राजी हुआ। यद्यपि कि इन्हें जगत और ढोंगी क्रिश्चियनों और शैतान और उसके दूतों से लड़ना पड़ा पर उसने सनातन का सुसमाचार को लोगों के बीच प्रचार करने से रूका नहीं। जहाँ कहीं भी उसे बुलाया गया वहाँ जा कर आवाज बुलन्द करते हुए प्रचार किया - “ईश्वर से डरो और उसकी महिमा करो क्योंकि न्याय करने का समय आ गया है।”1SG 104.2