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मसीही सेवकाई - Contents
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    सच्चे अगुवे का कार्य करने का तरीका

    नेहम्याह का जोश और उसकी ताकत कम नहीं हुई और अब काम शुरू हो चुका है। उसने अपने हाथ बांध नहीं लिये ये सोच कर कि उस बोझ को वह गिरने दे। बिना थके उसने काम का पूरा होने तक सावधानी से देखा कामगारों को निर्देश दिया, हर कमी का ध्यान रखते हये हर प्रकार की दुर्घटना का सावधानी से इंतेजाम किया। उसके काम का प्रभाव उस शहर पनाह के जो काम करने में तेज थे, उनके काम को सराहा और आलसियों को काम करने के लिये उभारा। अपने शत्रु पर भी उसने गिद्ध की नजर रखी थी कि वह क्या कर रहा है। जो कि कई बार अपनी सेना को इकटठी कर उनसे वार्तालाप कर रहा था। जैसे कि कोई षड़यंत्र रच रहा और वह कारीगरों के पास आया कोशिश की कि उनका ध्यान काम से हट जाये और पिछड़ जाये। जबकि सारे कारीगरों की ऑखे नहेम्याह पर लगी थी, कि वह जहाँ इशारा कर उसके अनुसार काम करें। वही नहेम्याह अपनी ऑखे ऊपर की ओर उठाकर हृदय से प्रार्थना कर रहा था, उस स्वर्ग के परमेश्वर से जो सब पर अपनी नजर रखता है, तथा जिसने नेहम्याह को यह काम पूरा करने की बात उससे कही थी। और जैसे उसके भरोसे और साहस से उसका हृदय ताकतवर बना। नहेम्याह ने दोहराया और उसके शब्द-शब्द दोहराये गये और गूंज गये। और कामगारों के मनो को भी उत्साहित किया यह कह कर कि “स्वर्ग का परमेश्वर हमें आगे बढ़ायेगा।” (द सदर्न वॉचमेन 5 अप्रैल 1904)ChsHin 242.1

    नेहम्याह और उसेक साथी बठिन परिश्रम से डरे नहीं, न ही उन्होंने इस थकने वाले काम के लिये कोई बहाना बनाया क्या दिन रात और यहाँ तक की थोड़े समय के लिये भी न तो वे सोये न अपने वस्त्र बदले और न ही अपने हथियार अपने से दूर किये । न तो मैंने मेरे भाईयों ने न मेरे नौकरों और न ही काम की चौकसी करने वाले संरक्षक जो मेरी बात मानते है। हममें से किसी ने भी अपने वस्त्र नहीं बदले कि उन्हें धोने में हमारे काम करने का समय कम ना हो जाये। (द सदर्न वॉचमेन 26 अप्रैल 1904)ChsHin 242.2