Loading...
Larger font
Smaller font
Copy
Print
Contents
मसीही सेवकाई - Contents
  • Results
  • Related
  • Featured
No results found for: "".
  • Weighted Relevancy
  • Content Sequence
  • Relevancy
  • Earliest First
  • Latest First
    Larger font
    Smaller font
    Copy
    Print
    Contents

    संयम में सुधार लाना

    जतने भी संयम को अपना मित्र बताते और अपने आप को संयम रखने वालों में गिनते है। उनमें सब्बत-सातवां दिन मानने वालों को सबसे पहले स्थान पर खड़े रहना चाहिये । (गॉस्पल वर्क्स 384) जब भी संयम रखने की बात आती है, तब अपने स्थान पर दष्ढ़ रहो। चट्टान की तरह मजबूती से खड़े रहो। (गॉस्पल वर्क्स 394)ChsHin 293.1

    लोगो की भीड़ के सामने बोलने के अलावा हमे संयम बनाये रखने के लिये भी काम करने की जरूरत है अपने सिद्धान्त पत्रिकायों में और अखबारों में भी छपवाना चाहिये। हमे हर संभव साधन अपनाने चाहिये। जिससे लोगों को उनका कर्तव्य करने के लिये उनके साथ जुड़ना है जो सत्य जानते ही नहीं। हम प्रचार कार्य में हमने जो सफलता पाई है, उसके लिये पूर्ण रूप से, स्वयं का इंकार, स्वयं का समपूर्ण आदि प्रयासों का अधिकाधिक उपयोग हुआ है। केवल प्रभु ही जानता है। हमने क्या-कया काम पूरे किये है, जैसे कि प्रजा की तरह हम प्रभु के सामने अपने आप को नम्र करते हैं। और संयमी होने के सच्चाई को सामने स्पश्ट और सीधे तरीके से उदघोशित करते हैं। (गॉस्पल वर्क्स 385)ChsHin 293.2

    संयम रखने का अर्थ है कि परमेष्वर के लोगो का पूरा-पूरा सहयोग प्राप्त करना। असयंम सब पर अपना अधिकार जमाने का प्रयास कर रहा है, अपने काम में लीन रहना बढ़ रहा है, अतः स्वास्थ्य संबंधी सुध पार की किताबों की अत्याधिक जरूरत है। सुसमाचार फैलाने के लिये साहित्य का उपयोग एक अच्छा तरीका है साथ ही नये लोगों को बाईबल अध्ययन और बाईबल के वचनों की खोज के लिये अगुवाई करना ताकि वे सत्य जान व समझ सकें। उन्हें असंयमी होने वाली बड़ी बुराई से बचने के लिये पहले से चिताना होगा। और जिससे ऐसा किया जा सके। सब्बत को मानने वाले हर व्यक्ति को वे सारे निर्देषों जो उन सामयिक (दैनिक/ साप्ताहिक/मासिक/ वार्शिक) पत्रिकाओं/पुस्तकों में दिये हैं, का गहन अध्ययन करना व समझन जरूरी है। साथ ही उसका व्यवहारिक इस्तेमाल भी होना चाहिये। इन्हें और एक काम करना चाहियें। वो यह कि पूरी कोषिष करनी चाहिये कि इन पत्र पत्रिकाओं व किताबों को अपने आस-पास के लोगों में बांटे। (द सदर्न वॉचमेन 2 नवम्बर 1902)ChsHin 294.1

    लोगों को बुरी आदतों से संयम रखने और उसें त्याग देने के लिये प्रतिज्ञा लेना चाहियें। उन्हें ये कहकर कि जितने रूपये वे मदिरा, तम्बाकू और ऐसी ही अन्य व्यसनों में खर्च करते हैं, वह पैसा उन्हें बिमारों गरीबों के लिये या बच्चों को प्रषिक्षित करने तथा जवानों को जगत में एक उपयोगी व्यक्तिगत हासिल करने में लगाना चाहियें। (द मिनिस्ट्री ऑफ हीलिंग 211)ChsHin 294.2

    Larger font
    Smaller font
    Copy
    Print
    Contents