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मसीही सेवकाई - Contents
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    घरेलू षिक्षा के दूर गामी प्रभाव

    एक सुव्यवस्थित मसीही घर एक षक्तिषाली बहस का गढ़ है जहाँ सभी मसीही धर्म की सच्चाई के पक्ष में बातचीत करते हैं। जैसे बहस का एक विशय है धर्म निदेको का कोई स्थान है ही नहीं सभी जानते है कि किसी भी परिवार में काम करने का एक अलग प्रभावषाली तरीका है। जिससे बच्चे प्रभावित होते है। और यह भी कि उस परिवार का मुख्यिा , अब्राहम का परमेष्वर है यदि अपने आपको सच्चे मसीही परिवार कहलाने वाले घरों में सही धार्मिकता का पाठ पढ़ाया गया है। वे निश्चित रूप से एक षक्तिषाली प्रभाव छोड़ेगें की वे भले अच्छे काम करते है। वे वास्तव में “जगत की ज्योति” होगें। (पैट्रियाक्स एण्ड प्रोफेट्स 144)ChsHin 280.2

    घरेलू प्रचार कार्य अपने परिवार के सदस्यों के अलावा भी आगे बढता है। मसीही घर भी एक प्रकार का पाठ का विशय होना चाहिये जो जीवन के सत्य के सिद्धांत को श्रेश्ठतम तरीके से समझा सके। इस प्रकार की व्याख्या पूरे जगत की भलाई के लिये ताकत होगी। एक जोरदार उपदेषक के उपदेष से भी कहीं अधिक प्रभावकारी एक सच्चाई में दष्ढ़ रहने वाला घर हैं जो लोगो के जीवन और हष्दय को प्रभावित करता है। जब एक नौजवान अपने घर से बाहर जाता है, जो कुछ उसने सीखा है। वह दूसरों में बांटता है। अन्य घरों में जीवन के इससे अधिक मूल्यवान सिद्धान्तों को भी सिखाया जाता है। जिससे समाज में परमेष्वर के काम को ऊंचा उठाने का काम किया जाता है। (द मिनिस्ट्रि ऑफ हीलिंग 352)ChsHin 281.1

    मसीहियत की सच्ची ताकत का सर्वश्रेश्ठ नूना जो जगत को दिखाया जा सकता है, वह है- एक सुव्यवस्थित और आज्ञाकारी परिवार । ये ही सत्य की सिफारिष कर सकता है। और कोई नहीं। क्योंकि वे एक जीतिव गवाही एंव एक व्यवहारिक षक्ति है, जो हृदयों को कायल करेगें।ChsHin 281.2

    (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 4:304) ChsHin 281.3

    परमेष्वर चाहता है कि जो परिवार इस पष्थ्वी में हैं, वे स्वर्ग के परिवार का चिन्ह या नमूना हों मसीही परिवार जो प्रभु यीषु की योजना के अनुसार स्थापित किये गये है और प्रभु की इच्छा अनुसार चलाये भ्ज्ञी जाते हैं, वे उसके सबसे प्रभावषाली माध्यम हैं जो बच्चों में मसीह चरित्र को बनाते और उसके काम को आगे बढ़ाते है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 6:430)ChsHin 281.4

    हमारे प्रभाव का विस्तार सकरा प्रतीत होता है। हमारी योग्यता कम, अवसर भी थोड़े, हमारी आपूर्ति भी सीमित है। तब भी संभावनायें आष्चर्य जनक हैं। जिनका उपयोग हमारे घरों द्वारा वफादारी से अवसरों का फायदा उठाकर करते हैं। यदि हम हमारे हष्दयों और हमारे घरों को स्वर्गीय जीवन के सिद्धान्तों के लिये खोले, हम उस जीवन के जल के सोते से जुड़कर एक सोता बन जायेंगे और हमारे घरों से चंगाई की धारा वह निकलेगी, जो जीवन लायेगी, सुन्दरता के साथ फलवन्त होगी जो अभी तक बंजर और खाली पड़ी थी। (द मिनिस्ट्रि ऑफ हीलिंग 355)ChsHin 281.5