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मसीही सेवकाई - Contents
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    एक गम्भीर अपराध

    ये मान लेना कि आत्मा को बचाने का काम केवल प्रभु के दासों का है, सबसे गंभीर गलती है। जिसे परमेश्वर ने इस काम की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, उन्हें इस काम में उन लोगों को जो नम्र तथा समर्पित विश्वासी लोग हैं और प्रभु ने उनके कांधों पर भी अपनी दाख की बारी की आत्माओं के लिये जिम्मेदारी सौंपी हैं, उन्हें प्रोत्साहित कर काम में लगाना चाहिये। परमेश्वर की कलीसिया में ऊँचे पदों पर नियुक्त अफसरों को यह सोचना चाहिये कि परमेश्वर ने प्रचार कार्य उन सब लोगों को सौंपा है, जो उसमें विश्वास करते है। परमेश्वर उसकी दाख की बारी में उन्हें भेजेगा जो सेवक होने के लिये भले ही समर्पित न हुये हों, न ही उन पर हाथ रखकर आशिशित किया गया है। (द एक्ट्स ऑफ द अपॉसल्स- 110)ChsHin 91.2

    यह विचार कि कलीसिया के धर्मोपदेशक को ही कलीसिया का सारा भार उठाना है और सारे काम भी उसी को करना है, बहुत बड़ी गलती होगी। काम से बोझिल एवं निराश वह मष्त्यु को प्राप्त होगा। जबकि उसका बोझ उठाने वाला यदि कोई हो जैसा प्रभु यीशु ने उदाहरण दिया, तो वह बच सकता है। यह कि उसका बोझ बाँट दिया जाये। लोगों को यह सिखाया जाना चाहिये कि वे अपने जीवन में प्रभु यीशु का उदाहरण लें और उसी के अनुसार कार्य करें। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 6:435)ChsHin 91.3

    प्रभु के सेवक को भी यह नहीं सोचना चाहिये कि ये उसका ही काम है कि वही सच्चाई बताये मेहनत करें और सारी प्रार्थनाऐं भी वही करें। बल्कि उसे कलीसिया में अपने सहायकों को शिक्षित करना चाहिए । अलग-अलग लोगों को कलीसिया का अलग-अलग काम सौंपा जाये, जैसे सभा की अगुवाई बाइबल अध्ययन करना आदि । ताकि ऐसा करते हुये वे स्वयं ही प्रभु का दिया गया गुण, प्रभु की सेवा में लगाने का काम करने लगेगें। साथ ही साथ वे आगे के लिये एक अच्छे प्रचारक के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। (गॉस्पल वर्कर्स- 197)ChsHin 91.4

    प्रभु के सेवक को कलीसिया का काम कलीसिया को ही करने देना चाहिये । उसे नहीं करना चाहिये, इस तरह तो वह खुद बोझिल हो जायेगा और अन्य लोगों को उनका कर्त्तव्य निभाने से वंचित कर देगा। उन्हें लोगों को सिखाना चाहिये कि अपनी कलीसिया व समाज में प्रभु का वचन किस तरह फैलायें । (हिस्टॉरिकल स्कैचेज- 291)ChsHin 92.1

    जब एक प्रयास किया जाता है अपने विश्वास को अविष्वासियों के बीच प्रचार करने का तब कलीसिया के अधिकतर लोग दूर खड़े हुये देखते रहते है या पीछे हट जाते हैं। जैसे वे इन सब बातों में कोई रूचि ही नहीं रखते या इनसे उन्हें कोई मतलब नहीं। ये सारा काम तो प्रभु के दास का है। ये बोझ तो सेवक को ही उठाना है। इसी कारण से अधिकतर हमारे योग्य प्रचारकों के द्वारा किया गया परिश्रम ज्यादा अच्छे परिणाम नहीं लाता है। (गॉस्पल वर्कर्स- 196)ChsHin 92.2

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