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मसीही सेवकाई - Contents
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    कार्यवाही अवश्य होना चाहिये

    मुझे दर्शन में दिखाया गया कि परमेश्वर के लोग प्रतीक्षारत हैं कोई परिवर्तन होने के लिये किसी जबरदस्त ताकत ने उसे रोक रखा है। लेकिन वे निराष होंगे क्योंकि वे गलत हैं उन्हें स्वयं काम करना है और प्रार्थना करना है कि प्रभु उन्हें काम करने के लिये सच्चा ज्ञान प्रदान करें। जो दष्श्य हमारे सामने से गुजर रहे हैं, वे काफी हैं, सब लोगों को जागष्त व उत्तेजित करने के लिये। ताकि सच्चाई हर घर, हर हृदय तक पहुँचे जो सुनने के लिये तैयार हैं। पष्थ्वी पर की फसल पकने पर है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 1:261) ChsHin 108.2

    ब्रह्माण्ड की हर एक वस्तु उन लोगों का आव्हान करती है जिन्हें सत्य की पहचान है और जो बिना किसी डर के सुसमाचार प्रचार करने के लिये समर्पित हैं, जैसा कि उन्हें तीन स्वर्गदूतों के संदेश में बताया गया है, कि जो सुनते और देखते हैं वे अपना काम करें। पैतान की शक्तिशाली सेना हर मसीही को अपने स्थान पर प्रभु के लिये खड़े होने को ललकारती है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 9:25, 26)ChsHin 108.3

    यीशु मसीह के जल्दी आने का समाचार जगत के सभी देशों को सुनाना है, सतर्क एवं परिश्रम करने वाले लोगों की जरूरत है जो षत्रु सेना की ताकत को हरा दें। हमारा काम सिर्फ हाथ पर हाथ रखकर बैठना, बैठकर अपनी असफलता पर रोना और हाथ मलते नहीं रह जाना है बल्कि समय को देखते हुये प्रचार कार्य करना और परमेश्वर की महिमा हमेषा के लिये करना है। ( द सदर्न वॉचमेन- 29 मई 1902)ChsHin 109.1

    ” करो, कुछ तो करो, लगा दो अपनी सारी ताकत,
    इससे पहले कि दूतों की सेना छोड़ न दे साथ।
    क्योंकि परमेश्वर भी कब तक थामेगा नकारों का था? ”
    ChsHin 109.2

    (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 5:308)

    कोई ये न सोचे कि उसे हाथ बांधकर खड़े रहने और कुछ नहीं करने की छूट है, और कोई भी व्यक्ति उसकी निश्क्रियता और आलस के होते बचाया जा सकता है, ये तो बिल्कुल ही असंभव है। जरा सोचो प्रभु यीशु ने पष्थ्वी पर रहकर अपनी सेवकाई के काम को कैसे पूरा किया। वह कितना परिश्रमी काम के प्रति वफादार था, लगातार काम में व्यस्त । उसने कभी अपने आप को काम करने से अलग नहीं किया, रोका नहीं। क्या आप और हम उसके अनुसार काम कर रहे हैं? (द कॉल्पोर्टर एवेन्जलिस्ट- 38)ChsHin 109.3

    स्वर्गीय और मानवीय माध्यमों के मिले-जुले प्रयास से आत्मायें बचाई जाती है। परमेश्वर ने अपना काम कर दिया है, अब मसीहियों को काम आगे बढ़ाना है। परमेश्वर बुलाता है, और चाहता है कि उसके लोग उसकी सच्चाई की रौशनी को हर देश तक पहुँचाने में अपना सहयोग प्रदान करें कौन है, जो प्रभ यीश के साथ इस काम में सहयोगी हिस्सेदार बनना चाहता है? (द रिव्यू एण्ड द हैरल्ड- 01 मार्च 1887)ChsHin 109.4

    एक कलीसिया को प्रचार कार्य करने वाली कलीसिया होना चाहिये, तभी वह एक जीवित कलीसिया हो सकता है। उसे केवल अपने ही लोगों तक सीमित नहीं होना चाहिए पर उन पाप व बुराई से भरी ताकतें, जो हमारे विरूद्ध हैं, उन्हें हमारी ओर आने से रोकने के लिये कदम उठाना चाहिये । उसे प्रभु यीशु का जुआ उठाकर प्रभु यीशु के पीछे चलना चाहिये! और रास्ते में आने वाले नये विष्वासियों को अपने साथ मिलाते हुये बढ़ते जाना चाहिये। (द रिव्यू एण्ड द हैरल्ड- 04 अगस्त 1891)ChsHin 109.5

    हमारे पास इस युद्ध में लड़ने का कुछ समय ही षेश है, क्योंकि फिर यीशु आ जायेगा और इन विद्रोहियों का दृश्य खत्म हो जायेगा। तब हमारा अंतिम काम होगा प्रभु यीशु के साथ मिलकर उसके अनन्त राज्य के पूर्व उसकी आमद के लिये लोगों को तैयार करेंगे। कुछ लोग जो इस युद्ध में सबसे आगे हैं, जोशीले तरीके से पैतान की बुरी बातों को आने से रोकतेChsHin 110.1

    और अपना कर्त्तव्य बखूबी निभाते हैं और अपनी जान भी गंवा देते हैं। अन्य लोग केवल देखते रहने और उनके बलिदान होने पर केवल खेद प्रगट करते हैं, लेकिन उठकर काम करना नहीं चाहते। वे सब अपना गर्व करना छोड़ दें, इस मष्यु को प्राप्त लोगों के हाथों से मसीह का झण्डा उठाकर एक नये जोश के साथ, नई ताकत के साथ सच्चाई को फैलाओं और प्रभु यीशु की महिमा करो। जैसे पहले कभी न की हो, पाप के विरूद्ध उसे रोकने के काम करो, अंधकार की षक्ति के विरूद्ध खड़े हो। समय की माँग है कि पूरे जोश व ताकत से उन्हें जो वर्तमान में सत्य को जानते व मानते हैं, यह निर्णायक काम करें। उन्हें सच्चाई का प्रचार सलाह देकर तथा साथ ही उदाहरण दे-देकर करना चाहिए। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड- 25 अक्टूबर 1881) ChsHin 110.2

    प्रभु यीशु सेवन्थ डे एडवेंटिस्ट लोगों को जो चाहे किसी भी मोहल्ले या बस्ती में रहते हैं, उन्हें अपने विश्वास पर पूर्ण रूप से ध्यान देने और अन्य लोगों तक उसे पहुँचाने के लिये पूरे-पूरे प्रयास करने हैं। चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों, उन्हें इस काम में सहयोग कर इसे पूरा करना अवश्य है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 9:132)ChsHin 110.3

    आलस्य और धार्मिकता दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते, न ही हम मसीहियों के जीवन की बड़ी कमजोरियों को या हमारी निश्क्रियता के अनुभवों को प्रभु के कार्य में रूकावट डालने वाले कारण नहीं बना सकते। हमारे षरीर की माँस पेशियाँ भी कमज़ोर पड़ जायेंगी यदि उन्हें भी व्यायाम करके सक्रिय नहीं किया गया। यदि हमारी आध्यात्मिक स्वभाव के साथ भी होता है। यदि धार्मिक होने के साथ धार्मिक के कार्य नहीं किये गये तो क्या फायदा ? यदि आप षारीरिक और आध्यात्मिक दोनों रूप से मजबूत होना चाहते हैं तो अपनी ताकत का इस्तेमाल करते रहना होना, क्रियाशील बने रहना होगा। (द रिव्यू एण्ड द हैरल्ड- 13 मार्च 1888)ChsHin 110.4

    हमें मेहनती कार्यकर्त्ता होना है, एक बेकार व्यक्ति बड़ा अभागा है। किन्तु भी मसीह के महान बलिदान को कोई अनदेखा कैसे कर सकता है? उसने अपनी जान देकर, हमें केवल प्रचार करने को कहा है, क्या फिर भी हम केवल आलसी होने के बहाने बनाते रहेंगे। हमारे धार्मिकता के काम यदि बंद हो जाते है, एक जाते हैं और कार्य रूप में काम में नहीं लाये जाते हैं तो अवश्य है कि ये षैतान ही की चाल है जिसमें हम फंस चुके हैं और अवश्य हैं कि उसके साथ नाश भी हो जायेंगे। इस समय स्वर्ग की सारी सेना लोगों को प्रभु के दिन के लिये तैयार करने में लगी है और हम सब भी उनके साथ मजदूर हैं, उसके सेवक हैं, क्योंकि हर एक वस्तु का अंत निकट है। यदि अवसर है काम करने का तो वो आज है, अभी है। (द रिव्यू एण्ड द हैरल्ड- 24 जनवरी 1893) ChsHin 111.1

    दिल से पूरे मन से काम करने वालों की जरूरत है। संकोच करने वाले प्रयास अच्छे परिणाम नहीं देंगे। हमें मौके को हाथ से जाने नहीं देना है, हमें ईमानदारी की गहराई में जाकर काम करना है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 9:45) ChsHin 111.2

    हममें से कितने ऐसे हैं, जो यदि बैठकर ये सोचने लगें कि उनकी ये कुछ न करने वाली स्थिति क्या उनके और अधिक पापी होने का नहीं दर्शाती कि प्रभु के लिये तोड़ों को इन लोगों ने नकारा है, उनका अपमान किया है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 6:425) ChsHin 111.3

    संसार में हमारी स्थिति क्या है? हमस ब इस समय प्रभु के आगमन की प्रतिक्षा कर रहे हैं। लेकिन ये समय हमें यूँ ही खाली बैठे हुये नहीं गवाँना है। प्रतिक्षा के साथ अन्य लोगों की बचाने का प्रयास करने के साथ उनके कामों पर ध्यान रखना जरूरी है। हमारा जीवन सांसारिक जीवन यापन और सांसारिक वस्तुओं पर नहीं लगा हो। ChsHin 111.4

    कहीं ऐसा न हो कि हमारा ध्यान हमारी स्वयं की पवित्रता और परमेश्वर की सेवा से हट जाये। हम वो न करें जो परमेश्वर चाहता है। जबकि हमें इस काम में आलसी होने की नहीं बल्कि पूरी आत्मा से प्रभु की सेवा में लगना है। आत्मा का दीपक बुझना नहीं बल्कि जलते रहना है। अनुग्रह के तेल के साथ, इस दीपक को जलाये रखना है। हर तरह की सावधानी बरती जानी चाहिये ताकि आत्मा कमजोर न पड़े कहीं प्रभु का दिन हम पर चोरों की नाई न आ पड़े। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 5:276)ChsHin 111.5

    हम जिस समय में रह रहे हैं, वहाँ आत्मिक आलस्य का कोई स्थान नहीं है। हर एक आत्मा को स्वर्गीय षक्ति के पावर से पूर्ण रहना है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 8:169) ChsHin 112.1

    वो सारे काम कर डालो जो संभवतः इस जीवन में प्रभु के लिये कर सकते हो। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 5:488)ChsHin 112.2

    प्रभु यीशु चाहता है कि हर मसीही को ईमानदार सेवक होना चाहिए। यह जरूरी है कि हर कोई अपना घर प्रभु यीशु की चट्टान पर बनाये, क्योंकि एक भयंकर तूफान उठा है, जो हर एक की धार्मिकता की जाँच पूरी रीति से करेगा। इसलिये रेत को छोड़ दो, पैतान को छोड़ दो और चट्टान को थाम लो। गहरी नींव खोदो, पक्का घर बनाओ, जो हमेषा क हो। आँसुओं से, गिड़ड़िाकर प्रार्थना करने से सभी अपना जीवन सुन्दर बना सकते हैं। कालेब जैसे मनुश्यों की आज के अंतिम समय में सबसे ज्यादा जरूरत है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च- 5:129, 130)ChsHin 112.3

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