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मसीही सेवकाई - Contents
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    एक प्रमाणिकता

    प्रभु के शिष्यों को उसके जैसा परिश्रम करना है। हमें भूखों को खिलाना, नंगो को कपड़े पहिनाना, दुखी व लाचार लोगो की प्रभु के द्वारा दी गई आशा के बारे में बताना और जीवन से निराश लोगो में आशा की किरण जगाना ही और तब हमारे लिये किया गया वादा भी पूरा होगा “तेरी धार्मिकता तेरे आगे-आगे चलेगी, प्रभु की महिमा तेरे पीदे रहेगी।” (द डिजायर ऑफ एजेज 350) ChsHin 256.1

    वे लोग जो इस प्रकार की मसीही सेवा में लगे है, और तब वही कर रहे है, जो प्रभु चाहता है कि वे करें और त बवह उनके परिश्रम को स्वीकार करेगा। इस क्षेत्र में किया गया हर एक काम एक सब्बत पालन करने वाले को खुशी-खुशी स्वीकार करना चाहिये और पूरी सहानुभूति और ईमानदार से करना चाहिये । यदि ऐसे कार्यो को करने से इंकार किया जाता और काम के बोझ का अपने ऊपर लेने से मना किया जाता हे तथा निश्चय है कि कलीसिया का पतन होगा। यदि कलीसिया इन कार्यो को करने लगे जैसे वे किये जाने चाहिये, तब काफी साधन जुटाये जा सकते है और बहुतसी आत्माओं को बचाया जा सकता है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 6:295)ChsHin 256.2

    परमेश्वर द्वारा दिया गया हर उपहार मानव की सेवा में उनके लिये आशिष होना चाहिये । दुखी पीड़ित और जरूरत मंद लोगो को सहायता में उपयोग लाना चाहिये । हमें भूखों को खिलाना, नंगो को कपड़े पहिनाता, विध वाओं और अनाथों का ध्यान रखना, निराश व कुचले हुओं की सेवा करना है। परमेश्वर नहीं चाहता कि जगत में फैली ये तकलीफे पाई जायें। प्रभु यह भी नहीं चाहता था कि कुिछ लोगों के पास दुनिया भर की सुविधयें हौ और कुछ लोगों के बच्चे भूख के मारे चिल्लाये । आवश्यकता से अधिक दी गई वस्तुयें दूसरों की भलाई के लिये दी गई है। ताकि मनुष्य आशिषित हो। प्रभु यीशु कहते है अपना सब कुछ बेच कर गरीबों में बांट दो। तैयार रहो बांटने के लिये और बातचीत करने के लिये और जब पर्व मनाते हो तो गरीबों को गंगो, लंगड़ो और अंधो को न्योता दो बुराई करना छोड़ दो अपना भारी बोझ उतार डालो, बोझ से दबो को स्वतंत्र कर दो। हर एक जुये को तोड़ दो, अपनी रोटी भूखों को खिलाओं वे जिन्हें बेघर कर दिया गया है। उन्हें अपने घर में रहने दो जब तू किसी नंगे को देखे तो उसे कपड़े पहिना। पीड़ित व दुखित को संतुष्ट कर, जाओं और पूर जगत में सुसमाचार प्रचार करो ताकि हर प्राणी जान सके । ये सब प्रभु यीशु की आज्ञायें है। क्या आज अपने आप को बड़े प्रतिष्ठत मसीही मनाने व कहने वाले ये काम कर रहे है? (काइस्ट्स ऑब्जेक्ट लैसंस 370, 371)ChsHin 256.3

    भलाई के काम वो है जो प्रभु यीशु चाहते है कि हम सब में पाये जाये। दया से भरे शब्द दूसरों की भलाई के काम, गरीबों व जरूरतमंदो और पीड़ितो के प्रति उदार भाव रखना। जब उन दुख, निराशा और पीड़ा से भरे हृदयों को काई नम्र हृदय से सहाभूति प्रगट करता, जब कोई हाथ किसी जरूरतमंद की सहायता के लिये ओ आता, जब किसी नंगे को वस्त्र पहिनाये जाते, जब कोई अंजान व्यक्ति आप के घर में शरण पाता और साथ ही आपके हृदय में भी जगह पाता है। तब स्वर्गदूत आपके आस-पास ही होते है, और जवाब, स्वर्ग को भेजा जाता है। हर एक न्याय पूर्ण कार्य, दया, दूसरों के लिये की गई भलाई स्वर्ग में खुशियाँ लाती है। परमेश्वर उन लोगों को जो ये दया काम करते है। स्वर्ग से देखता और उन्हें अपे सबसे कीमती खजाने में गिनता है। और वे मेरे होगें सेनाओ का यहोवा का वचन है, उसेदिन जब मैं, अपने किमती पत्थरों को बटोरूंगा दया से किया गया दो-एक कार्य जो किसी जरूरतमंद या दुःखी पीड़ितों के लिये किया गया मानों प्रभ यीश के लिये किया है जब तम किसी गरीब की जरूरतों का यान रखते दुःखी व पीड़ितो के प्रति सहानुभूति बरतते, किसी अनाथ के मित्र बन जाते तब तुम अपना एक करीबी संबंध प्रभु यीशु से बना लेते हो। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 2:25) ChsHin 257.1

    हम जो जरूरतमंद, बोझ से दबे, रोगी, भूखे लोगो की मदद के लिये जुट जाना है वही काम है जो कलीसिया के लोगों के लिये है जो उन्हें बहुत पहले से करना चाहिये था। हमें दयालु का व्यवहार उस सामरी के समान करना है, लोगो की भौतिक जरूरतों का ध्यान रखकर, भूखें को खाना खिलाकर, गरीब जो बेघर बार है, उन्हें अपने घर में शरण देकर, हम जो प्रतिदिन अपने परमेश्वर से आशिषे पाते हैं। अनुग्रह और सामर्थ वही हमें इस योग्य बनायेगी कि हम मनुष्यों की इस गिरती हुई हालत में उनकी मदद करें, जो स्वयं अपनी मदद नहीं कर सकते और ऐसा करके हमारे पास एक अच्छा अवसर होगा कि हम मसीह जो कूस पर कुर्बान हो गया उसे अपना अगुवा अपना चरवाह मानते है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 6:276)ChsHin 257.2

    कई लोग सोचते है उनकी प्रार्थना क्यों इतनी निर्जीव उनका विश्वास इतना कमजोर क्यों और मसीही अनभव में इतनी अनिश्चितता और अंधकार क्यों है? क्या हमने उपवास न किया? वे कहते हैं। और क्या सेनाओं के यहोवपा के सामने शोक करते हुये नहीं चले? यशायाह के अट्ठावनवे अध्याय में प्रभु यीशु ने बताया है कि किस प्रकार इन सब बातों में परिस्थिति बदल जायेगी। छटवॉ, सांतवा पढ़े यह विधि, प्रभु यीशु में बताई है, उन टूटे-पिसे हृदय वालों संदेह करने वालो, डर से कांपने वालों के लिये। वे सभी जो प्रभु के सामने जो शोक्ति और दुखित होते हैं, वे उठे और उन लोगों की मदद करें, जिन्हें मदद की जरूरत है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 6:266) ChsHin 258.1

    स्वर्ग की महिमा गिरे हुये को उठाने, निराशा में पड़े लोगों को आराम दिलाने, आशा बधाने में है। और जिस किसी के हष्दय में भी प्रभु यीशु है। वह इसी प्रकार अपने कर्मो के द्वारा दर्शायेगा। जहाँ भी वह काम करता है। मसीही धर्म आशिषित होता है। और वहाँ प्रभु की ज्योति चमकती है। (काइस्ट ऑब्जेक्ट लैसंस 386)ChsHin 258.2

    सारपत की विधवा ने अपना आखरी भोजन एलिया हो दे दिया और बदले में उसे और उसके बेटे की जान बच गई वे सब भी जो परीक्षा और कमी के समय दूसरों के प्रति सहानुभूति और सहायता देते है जिनको हम से ज्यादा जरूरत है प्रभु उन्हें बड़ी आशिषे देता है जो उसने वादा किया है। वह कभी बदलता नहीं। उसकी सामर्थ आज भी वैसी ही है। जैसे ऐलिया के दिनों में थी। (प्रोफेक्ट एक्ट किंग्स 1:31, 32)ChsHin 258.3

    प्रभु यीशु का प्रेम निस्वार्थ की गई सेवा में दिखाई देता है। ये प्रेम और भी अधिक दिखाई देगा जब तक बुराई करने वाला बिना तलवार और बिना न्यायालय में जाये, बदल जाता है। शायद तलवार और न्यायालय कानून-तोड़ने वाले को भयभीत करने वाले होते है, किन्तु उक प्रेमी प्रचारक इससे कहीं अधिक कर सकता है।ChsHin 258.4

    अधिकतर वह हष्दय जो कठोर हो जाता है, घष्णा के कारण वही प्रभु यीशु के प्रेम से पिघल जायेगा ।(द मिनिस्ट्रि ऑफ हीलिंग 106)ChsHin 259.1

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