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मसीही सेवकाई - Contents
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    धार्मिक व्यवस्था बनाम वर्णन

    हर एक सच्चाई जो हृदय से ग्रहण की जाती है उसका प्रभाव जीवन में दिखाई पड़ना चाहिये। यह प्रभु के प्रेम की प्राप्ति का वह बड़ा हिस्सा है, जिसे मनुश्य चाहता है उसकी षक्ति को अन्य लोगों पर जाहिर करें। और उनका यही काम उनकी स्वयं की आत्मा में गहराई से उसकी प्रभावशील तीव्रता को दर्शाता है। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड — 19 फरवरी 1889)ChsHin 123.2

    हमारा विश्वास अच्छे कर्मो से परिपूर्ण होना चाहिए, क्योंकि विश्वास कामों के बिना मष्तक है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 4:145)ChsHin 123.3

    वे सब जिन्हें सुसमाचार का संदेश प्राप्त हुआ है और उसे उन्होंने हृदय की गहराईयों से पाया है तो अवश्य है कि वे उसे सुनाने को उत्साहित होंगे। स्वर्ग से उतरा प्रभु का प्रेम अवश्य की अपनी छाप ढूँढ़ लेगा। (क्राइस्ट्स ऑब्जेक्ट लैसन्स — 125)ChsHin 123.4

    हमें अपने परमेश्वर की प्रशंसा पूरी तन्मयता से करना चाहिये, जिसमें अपनी सारी षक्ति उसकी महिमा को आगे और आगे बढ़ाने में लगाना चाहिए। (क्राइस्ट्स ऑब्जेक्ट लैसन्स — 300)ChsHin 124.1

    हमारा विश्वास वर्तमान समय में केवल तीसरे स्वर्गदूत के संदेश पर आकर रूक नहीं जाना चाहिये, जिस पर हमारा पूरा विश्वास और सहमति पाई जाती है। हमारे पास आत्मा का तेल, जो प्रभु यीशु का अनुग्रह है, भी होना चाहिये, जिससे हमारा दिया जलता रहे और दूसरों को जीवन की ज्योति से चमका सके, उन्हें वह मार्ग बता सके जो अंधकार में है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 9:155) ChsHin 124.2

    तुम्हारी आत्मिक सामर्थ और प्रभु यीशु की आशीशें आपके लिये काफी हैं, प्रभु के प्रेम को बताने के काम के लिये साथ ही वे भले काम जो तुम करते हो। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 3:526)ChsHin 124.3

    अधिक और अधिक काम किया जा सकता है, प्रभु के लिये। यदि हर एक जिसे सच्चाई की रौशनी मिली है, वह सच्चाई के कार्य भी करें। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 9:40) ChsHin 124.4

    मुझे दिखाया गया कि एक जाति के रूप में हममें काफी कमजोरियाँ, कमियाँ हैं, हमारे काम हमारे विश्वास के अनुसार नहीं है। हमारा भरोसा यह गवाही देता है, कि हमें एक बहतु ही गंभीर और जरूरी संदेश को सुनाने का काम सौंपा गया है जो इसके पहले इस संसार के मरनहारों को कभी दिया ही नहीं गया। तब भी इस सच्चाई के नजरिये से हमारा परिश्रम, जोश, हमारी स्वार्थ का परित्याग करने वाली योग्यताओं को कार्य के नजरिये से तलना नहीं किया जा सकता है। हमें मष्तकों में से जी उठना है, और प्रभु यीशु हमें जीवन देगा। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 2:114)ChsHin 124.5

    जाओ और सच्चाई का प्रचार करो, जैसा तुम विश्वास करते हो, वे लोग जो आपको देखते हैं, उनके लिये एक मिसाल बनो ताकि जो परिश्रम तुम करते हो, वह उनके लिये जीवित सच्चाई देख पड़े। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 9:42) ChsHin 124.6

    मसीही के समान जीवन, मसीह धर्म को आगे बढ़ाने का एक शक्तिशाली मुद्दा बन सकता है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 9:21)ChsHin 124.7

    ऐसे कई लोग हैं जो नाम मात्र के मसीही हैं उनके मन परमेश्वर के काम को करने में लगे नहीं होते। वे सिर्फ ऊपरी तौर से मसीही चोला पहने हुये दिखाई देते हैं और ऐसा करके वे सब अपने लिये और अधिक विनाश को ही लाते हैं, वे स्वयं ही पैतान के हाथों अपनी आत्माओं को धोखा देने वाली उसे ही सफल बनाने वाले माध्यम साबित होते है। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड — 27 मार्च 1888) ChsHin 124.8

    जो प्रभु यीशु के आमद की बांट जोह रहे हैं, वे सच्चाई का पालन करते हये अपनी आत्माओं को षद्ध कर रहे है। ध्यानपर्वक बाट जोहने के अलावा वे ईमानदारी से परमेश्वर का काम भी कर रहे हैं, क्योंकि वे जानते है कि प्रभु द्वार पर ही है। उनका काम करने वाला आत्मा स्वर्गीय प्रतिभाओं के साथ एक जुट होकर कार्य करने को लालायित रहता है ताकि आत्माओं को उद्धार मिल सके। ये वे विश्वासयोग्य दास हैं जो प्रभु के भवन में “उनके हिस्से का मांस सही समय में चढ़ाते हैं।” ये ही सत्य की घोशणा कर रहे हैं जिसकी आज के समय में विशेष रूप से मान्य है। जैसे— हनोक, नूह, अब्राहम और मूसा ने उनके समय में सच्चाई का प्रचार किया वैसे ही प्रभु के बन्दे अपने समय की संतानों को विशेश चिनौतियाँ देंगे। (द डिज़ायर ऑफ एजेज़- 634) ChsHin 125.1

    परमेश्वर के न्याय सिंहासन के सम्मुख खड़े होना इस बात पर निर्भर नहीं कि हमने कितनी सच्चाई पाइ है। बल्कि इस बात पर निर्भर है कि हमने उस सच्चाई को कितने लोगों में बांटा ? इसी तरह यदि अन्य जाति भी यदि जहाँ तक उनको समझ में आता है, बुराई न कर अच्छे व सही काम करते है, वे ज्यादा अच्छी जगह अपना स्थान बना रहे हैं, उनकी अपेक्षा जिनके पास वचन की रौशनी तो है, वे प्रभु का काम करने का दिखावा भी करते हैं किन्त वास्तव में वे सच्चाई को अपमानित करते और उनके आचरण उसके विपरित होते हैं। (द डिज़ायर ऑफ एजेज़ — 239)ChsHin 125.2

    ये हर एक मसीही के लिये सुअवसर है कि वे न केवल मसीह के आगमन की प्रतिक्षा करें बल्कि उसकी जल्दी आमद के लिये काम भी करें। काश कि वे सब जो मसीही कहलाते है, उनकी महिमा के लिये बीज बोयें एवं फलवंत हों ताकि पूरे जगत में सुसमाचार पहुँच सके। जल्दी ही अंतिम महान फसल पक कर तैयार हो जायेगी और तब प्रभु यीशु अपने किमती फसल के दाने बटोरने आ जायेगें। (क्राइस्ट ऑब्जेक्ट लैसन्स — 69)ChsHin 125.3

    मसीहियों को अब उठ खड़े होना चाहिये, इस काम को करने के लिये जिसे उन्होंने अभी तक करने से इंकार किया था। क्योंकि उनकी स्वयं की आत्मा का उद्धार उनके स्वयं के द्वारा किये गये प्रयासों व परिश्रम पर निर्भर करता है। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड- 23 अगस्त 1881)ChsHin 125.4

    सत्वी आराधना प्रभु यीशु के साथ मिलकर काम करने में है। प्रार्थना और उपदेश देना बातें निम्न स्तर के फल है, जो वक्ष पर बार-बार बांध दिये जाते हैं। वे काम जो अच्छे व दूसरों की भलाई के लिये किये जाते हैं, गरीबों, अनाथों, विधवाओं की देखभाल करना, चिंता करना ही असली फल हैं, जो स्वयं ही अच्छे वक्षों पर उगते है। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड- 16 अगस्त 1881) ChsHin 126.1

    कलीसिया के हर एक सदस्य को सौंपा गया काम परमेश्वर की ज्योति को बिखेरना और प्राप्त करना कोस करते जाना है प्रभु की बारी में कोई भी आलसी व्यक्ति नहीं हो सकता, चाहे वह कितने ही बहाने क्यों न बनाये। (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड- 19 फरवरी 1889)ChsHin 126.2

    परमेश्वर के काम करने का सिद्धांत, अपेक्षाकप्त वह फल है जो प्रभु हम सब से चाहता है। लोगों की भलाई के काम, मन को भाने वाले षब्द तथा गरीबों, जरूरत मंदों व परेशानी से ग्रस्त लोगों के लिये उदारता पूर्वक किये गये कार्य । (द रिव्यू एण्ड हैरल्ड- 16 अगस्त 1881)ChsHin 126.3

    वह सामरी स्त्री जो प्रभु यीशु से याकष्व के कुँये पर मिली थी, उसने जैसे ही मसीह को पाया वैसे ही तुरंत जाकर उसके षहर के लोगों को उद्धारकर्ता के पास बुला ले आई। वह यीशु के चेलों की अपेक्षा कही अधिक प्रभावशाली प्रचारक साबित हुई। शिष्यों को समारिया में कुछ खास नज़र नहीं आया था और वहां काम करना उत्साहजनक प्रतीत नहीं हुआ था। उनके विचार से कोई बड़ा काम करने का था कोई बड़ी जगह में। आस-पास के स्थान उन्होंने नहीं देखे कि वहां सभी वे फसल बटोर सकते थे। केवल एक स्त्री के द्वारा पूरा षहर प्रभु का वचन सुनने आ पहुँचा जिसे चेलों ने नकारा और तुच्छ समझा था। उसने तुरंत प्रभु की ज्योति को पाकर अपने लोगों में फैला दी यह स्त्री प्रभु में विश्वास के साथ काम करने का श्रेश्ठ उदाहरण प्रस्तुत करती है। (द मिनिस्ट्री ऑफ हीलिंग — 102) ।ChsHin 126.4

    सातवें दिन सब्बत का पालन करने वाले लगातार प्रगति कर रहे हैं, उनकी संख्या दोगुनी हो रही है, मिशन स्थापित किये जा रहे हैं और पष्थ्वी को अंधकार भरे कोनों में वे सच्चाई की पताका फहरा रहे है। तब भी परमेश्वर का काम धीमी गति से चल रहा है, क्यों? कलीसिया का हर एक सदस्य अभी तक पूर्णरूप से जागरूक नहीं हुआ है, जिससे कि जो काम वह बलपूर्वक कर सकते थे, उसे नहीं कर रहे हैं अपनी योग्यता का उपयोग नहीं कर रहे। इसीलिये योजना का हर क्षेत्र धार्मिक उत्साह व उत्तेजना की कमी के कारण और पूर्णरूप से समर्पित, नम्र और प्रभु से डरने वाले लोगों की कमी के कारण पंगु हो गया है। प्रभु यीष के वो क्रूस को उठाने वाले सैनिक कहां है? उन प्रभु के डरवैयों, ईमानदार, एक मन के लोग जो केवल प्रभु की महिमा करने को हरदम तैयार रहते हैं, उठ खड़े हो, तैयार हो जायें बुराई के विरूद्ध युद्ध लड़ने के लिये। अभी भी ऐसे बहुत से कमजोर डरपोक लोग हैं जो इस आत्मिक लड़ाई के लिये तैयार नहीं है। हे पिता ऐसों की कमजोरियों को दूर कर उन्हें अपनी सामर्थ से भर दे और वे इस लड़ाई में जुट जायें और पैतान की सेना को नश्ट कर दें। (हिस्टॉरिकल स्केचेज़ — 290)ChsHin 126.5

    यह एक विश्व-विख्यात सिद्धांत है कि यदि कोई परमेश्वर की दी हुई षक्ति का इस्तेमाल करने से इंकार करता है, तो वह षक्ति कम होते-होते खत्म हो जाती है। इसी प्रकार सत्य जिसे जीवित न रखा जाये, जिसे दूसरों को न दिया जाये, अपनी जीवन देने की षक्ति खो देता है, इसका चंगाई का गुण भी जाता रहता है ।(द एक्ट्स ऑफ अपॉसल्स — 206)ChsHin 127.1

    तुम्हारी हड्डियों और मांस पेशियों को कुछ भी लाभ नहीं होगा यदि उनमें धार्मिक कार्यो को आगे और आगे बढ़ाने के लिये वह कारण नहीं हो, जो तुम प्रेम की खातिर करना चाहते हो। उन्हें एक दूसरे के साथ जोड़े रखने के लिये कार्य करना जरूरी है। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च — 4:236)ChsHin 127.2

    वे जो अपना मसीही जीवन को जीने के परिश्रम करते उन आशीशों को स्वीकार करते हुये जो प्रभु के अनुग्रह के स्त्रोत से आती हैं किन्तु प्रभु यीशु के लिये कुछ करते नहीं वे केवल खाते हुये जीवित हैं, काम करते हुये नहीं। और इसका परिणाम आत्मिक और सांसारिक जीवन में भी लोगों को पतन और विनाश होता है |(स्टेप्स टू क्राइस्ट - 80, 81)ChsHin 127.3

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