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मसीही सेवकाई - Contents
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    अध्याय — 25
    पवित्र आत्मा

    एक वायदा

    जैसे सबसे पहले षिश्य को मिली वैसे ही आज भी पवित्र आत्मा का वायदा हमारे लिये भी है। परमेष्वर आज भी स्त्री व पुरूशों को उस षक्ति से परिपूर्ण करेगा, जो स्वर्ग से है। ठीक उसी तरह जब पेन्तिकोस्त के दिन उन लोगों पर उतरा था, जिन्होंने उद्धार का वचन सुना था। इसी प्रकार समय भी उसकी आत्मा और उसका अनुग्रह उन सभी को मिलेगा, जिन्हों इसकी जरूरत है और जो प्रभु को उसके वचन से ग्रहण करेंगे। (टेस्टमनीज फॉर द चर्च 8:20) ChsHin 318.1

    पवित्र आत्मा पाने का वादा केवल किसी विषेशयुग या विषेश जाति के लिये सीमित नहीं है। प्रभु यीषु कहता है कि पवित्र आत्मा का स्वर्गीय प्रभाव उसके षिश्यों के साथ अन्त तक था। पेन्तिकोस्त के दिन से लेकर आज के दिन तक वह सहाक उन के पास भेजा गया है। जिन्होंने अपने आप का सम्पूर्ण प्रभु एवं उसकी सेवकाई सेवकाई के काम लिये किया है। (द एक्ट्स ऑफ द अपॉसल्स 40) ChsHin 318.2

    परमेष्वर चाहता है कि उसके लोगो को पवित्र आत्मा का उपहार देकर उन्हें तरोताजा करूं, ताकि वे प्रभु के प्रेम में बपतिस्मा पाकर नये हो जायें। कलीसिया में पवित्र आत्मा की कमी होनी ही नहीं चाहिये। प्रभु यीषु के स्वर्ग उठा लिये जाने का बाद पवित्र आत्मा उन लोगों पर आया जो, उसकी प्रतिक्षा, प्रार्थना, करते हुये विष्वास व सामर्थ की परिपूर्णता के साथ जो ही एक हष्दय तक पहुंचा, कर रहे थे। भविश्य में पथ्वी पूरी तरह से परमेष्वर की महिमा से भर जायेगी। एक स्वर्गीय प्रभाव जो आगे-आगे चलेगा, जगत के उन लोगो जो सत्य के द्वारा पवित्र ठहराये गये है। पूरी पष्थ्वी चारों ओर से प्रभु अनुग्रह की सामर्थ से घिर जायेगी। पवित्र आत्मा मनुश्यों के हष्दय पर कार्य करने को है। परमेष्वर की बातों को लेकर मनुश्यों तक उनको पहुँचचाने का काम । (द सदर्न वॉचमेन 5 सितम्बर 1905)ChsHin 318.3

    ये सत्य है कि अंत के दिनों में, जब परमेष्वर का काम अपनी समाप्ती पर होगा, तब जोरदार ढंग से समर्पित पर होगा, तब बड़े जोरदार ढंग से समर्पित विष्वासियों द्वारा पवित्र आत्मा की अगुवाई में परिश्रम होगा जो विषेष रूप से स्वर्गीय चिन्हों की सहभागिता से पूर्ण होगा। उस समय प्रारंभिक और अंतिम वर्शा जो पूर्वी देषों मे बीज बोने के समय और फसल तैयार होने तक गिरती है, इब्री धर्म-प्रचारकों की भविश्यवाणी के अनुसार आत्मिक अनुग्रह की भरपूर बारिश, जो जरूरत से ज्यादा होगी, वह कलीसिया पर बरसेगी। स्वर्ग से पवित्र आत्मा की वर्शा, प्रेरितों के दिनों से जो प्रारंभ में हुई थी। वह पहली वर्शा थी, और उसके परिणाम भी, बड़े महिमामयी हुये। और अब अंत के समय में पवित्र आत्मा की उपस्थिति सच्ची कलीसिया के साथ होगी। (द एक्ट्स ऑफ अपॉसल्स 54, 55)ChsHin 319.1

    प्रेरितों के दिनों मं आत्मा का उडेला जाना “पहली वर्शा’ थी जिसके परिणाम भी महिमा पूर्ण और प्रषंसा के योग्य थे किन्तु “अंतिम वर्शा’ तो और भरपूरी से होगी। इन दिनों में रहने वालो के लिये क्या वायदा किया गया है? हे आषा से जुड़े हुये कैदियों, उस षक्तिषाली प्रभु की ओर फिरों। मैं आज भी कहता हूँ कि मैं तुझे दुगनी वर्शा भेजूंगा। “अपने प्रभु से पवित्र आत्मा भेजने के लिये कहो कि पिछली वर्शा, समय आने पर करे । अतः प्रभु सफेद बादलों को बनायेगा और उन पर वर्शा की बौछार करेगा। वह बौछार मैदान की घास के एक-एक कतरे को मिले। (टेस्टमनीज फॉर द चच 8:21)ChsHin 319.2

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