Loading...
Larger font
Smaller font
Copy
Print
Contents
कलीसिया के लिए परामर्श - Contents
  • Results
  • Related
  • Featured
No results found for: "".
  • Weighted Relevancy
  • Content Sequence
  • Relevancy
  • Earliest First
  • Latest First

    पवित्र आत्मा के उडेले जाने से पूर्व ऐक्य होना जरुरी है

    ध्यान दीजिये कि शिव्यों में पूर्ण एकता आ जाने के बाद जब वे उच्च पद प्राप्त करने के लिये अब कोई कोशिश नहीं कर रहे थे पवित्र आत्मा उंडेला गया. वे एक दिल हो गये थे. सकल भेदभाव दूर हो गये थे. पवित्र आत्मा के दिये जाने के बाद उनके विषय में जो साक्षी दी गई थी वह भी तदनुकूल है. इन शब्दों पर ध्यान दीजिए ‘‘विश्वास करने वालों की मंडली एकचित्त और एक मन के थे.’‘ (प्रकाशित वाक्य 4:32)वह जो मर गया था ताकि पापी जीवन प्राप्त करे और उसकी आत्मा ने विश्वासियों के समस्त मंडली को पुनजीवित कर दिया. ककेप 156.4

    शिष्यों ने अपनी आशीष के लिये विनती नहीं की.उनके हृदय आत्माओं के भार से लदे हुये थे.सुसमाचार पृथ्वी के कोने कोने तक पहुँचाए जाने को था.अत:उन्होंने उस सामर्थ्य के दान के लिये प्रार्थना की जिसका वादा मसीह ने किया था.तब पवित्र आत्मा का दान दिया और एक ही दिन में सहसों व्यक्ति प्रभु पर विश्वास लाये. ककेप 156.5

    इसी प्रकार अब भी होता है.मसीहियों को सकल भेदभाव दूर करके अपने आप को खोये हुओं को बचाने की खातिर परमेश्वर को दे देना चाहिए.उनको प्रतिज्ञा की हुई आशीष के लिए विश्वास के साथ विनती करनी चाहिए और वह अवश्य मिलेगी.प्रेरितों के काल में आत्मा का उडेला जाना,“प्रथम वर्षा ‘‘ कहलाती थी.और नतीजा वैभवपूर्ण निकला परन्तु अन्तिम वर्षा बहुतायत के साथ होगो. जो लोग अंतिम दिनों में रहते हैं उनसे क्या प्रतिज्ञा की गई है?” हे आशा धरे हुए बन्दियों ! गढ़ की और फिरो:मैं आज ही बताता हूँ कि मैं तुम को बदले में दुना सुख दूंगा.’‘ ‘’बरसात के अन्त में यहोवा से वर्षा मांगो,यहोवा से जो बिजली चमकाता है, और वह उनको वर्षा देगा और हर एक के खेत में हरियाली उपजायगा.’‘ (जकर्याह 6:12;10:1) ककेप 157.1