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कलीसिया के लिए परामर्श - Contents
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    दो सेनाएं

    दर्शन में मैं ने दो सेनाओं को भयंकर संघर्ष से व्यस्त देखा.एक सेना का नेतृत्व संसार के बिल्लेवाले झंडे कर रहे थे;और दुसरी सेना का नेतृत्व राजकुमार इम्मानुएल के रक्त में सना हुआ ध्वज में कर रहा था. झंडे के झंडे गर्त में छोड़ दिये जा रहे थे जब परमेश्वर की सेना से दल के दल शत्रु के साथ मिल जा रहे थे और जातियां शत्रु की श्रेणी से परमेश्वर की पालकों के साथ मिल जा रही थीं.स्वर्ग के बीच एक उड़ते हुये दूत ने इम्मानुएल का झंडा बहुतों के हाथ में दिया और एक शक्तिशाली सेना पति ऊंचे स्वर से बोला: “पंक्ति में खड़े हो जाइए, जो लोग परमेश्वर की आज्ञाओं के और मसीह की साक्षी के आज्ञाकारी हैं अब अपना अपना स्थान ले लें.उनके बीच में से निकलों और अलग हो ओ और वस्तु को मत छूओ तो मैं तुम्हें ग्रहण करुंगा और मैं तुम्हारा पिता हूँ और तुम मेरे पुत्र और पुत्रियां होग.जो परमेश्वर की मदद के लिये आना चाहें आवें, सामर्थ्य कि विरुद्ध परमेश्वर की सहायता को चले आवें.’‘ककेप 346.6

    इस समय मंडली युद्धरत है.इस समय हम आधी रात की अंधियारी में डूबे हुये संसार के मुंह दर मुंडे खड़े हैं जो मूर्ति पूजा का आदी हो गया है. परन्तु वह दिन आ रहा है जिसमें युद्ध लड़ा जायगा और विजय प्राप्त होगी. परमेश्वर की इच्छा पृथ्वी पर पूरी होगी जिस तरह स्वर्ग में पूरी होती है.तब राष्ट्रगण सिवाय स्वर्गीय व्यवस्था के किसी और व्यवस्था को न अपनाएंगे.सब लोग एक सुखी संयुक्त परिवार होंगे जो यश और कृतज्ञता के मसीह की धार्मिकता का वस्त्र ओढ़े हुये होंगे.प्रकृति अपने उत्कृष्ट सौन्दर्य में परमेश्वर को निरन्तर प्रशंसा व भक्ति की श्रद्धांजलि देती रहेगी.संसार स्वर्ग के प्रकाश से स्नान करेगा.वर्ष आनन्द से गुजरते जायंगे.चन्द्रमा का प्रकाश सूर्य जैसा हो जायगा और सूर्य का प्रकाश अब से सात गुना तेज हो जायगा.इस दृश्य पर भोर के तारे मिलकर एक साथ जाएंगे और परमेश्वर के पुत्र खुशी के मारे चिल्लाएगे और परमेश्वर और मसीह मिलकर घोषित करेंगे: फिर पाप न होगा और न मृत्यु होगी.’‘ ककेप 347.1

    यह वह दृश्य है जो मुझे दिखाया गया.परन्तु कलीसिया को दृश्य तथा अदृश्य शत्रुओं से अवश्य ही लड़ना है.शैतान के प्रतिनिधि मानव चोले में भूमि पर हैं.मनुष्यों ने संगठन किया है कि सेनाओं के प्रभु से विरोध करें.ये गुट बंदियां तक तक जारी रहेंगी जब तक मसीह प्रायश्चित के सामने से मध्यस्थ का पद छोड़कर बदला लेने का वस्त्र न पहिन ले.शैतान के गुमाश्ते हर नगर में परमेश्वर की व्यवस्था के विरोधियों की पार्टियां बनाने में व्यस्त हैं.नाममात्र के धमी जन और घोषित अविश्वासी इन दलों के साथ सम्मिलित होंगे.यदि ऐसा समय नहीं कि परमेश्वर के लोग दुर्बल हो जायें.हम एक क्षण भी लापरवाह नहीं रह सकते.ककेप 347.2