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कलीसिया के लिए परामर्श - Contents
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    भावी पत्नी में कौन से गुण हो?

    युवक अपने बगल में खड़े होने के लिए ऐसे जन की खोज करे जो अपने जीवन भार को सम्हालने की क्षमता रखती हो, ऐसी हो जो अपने प्रभाव के द्वारा उसकी प्रतिष्ठा को उज्वल बनाकर अपने प्रेम के द्वारा उसके जीवन को सुखमय बनाए ‘बुद्धिमत्ती पत्नी यहोवा ही से मिलती है. उसके पति के मन में उसके प्रति विश्वास है.वह अपने जीवन के सारे दिनों में उसके बुरा नहीं पर भला ही व्यवहार करती है.” “वह बुद्धि की बात बोलती है और उसके वचन कृपा की शिक्षा के अनुसार होते हैं.वह अपने घराने के चालचलन को ध्यान से देखती है और अपनी रोटी बिना परिश्रम नहीं खातो.उसके पुत्र उठकर धन्य कहते हैं,उसके पति भी यह कहकर ,उसकी प्रशंसा करता है कि बहुत सी स्त्रियों ने अच्छे-अच्छे काम तो किए हैं परन्तु तू उन सब में श्रेष्ठ है,जिसने ऐसी पत्नी प्राप्त कर ली,उसने उत्तम पदार्थ पाया और यहोवा का अनुग्रह उस पर हुआ है.”ककेप 172.1

    यहाँ वे बातें हैं जिन पर विचार करना चाहिए:-क्या जिसके साथ आप विवाह करेंगे उसके द्वारा आप का कुटुम्ब आनन्दमय होगा?क्या वह मितव्ययी होगी या यदि उसके साथ विवाह किया जावे तो व्यर्थ अपने अभियानी लालसाओं की पूर्ति में ने केवल अपनी समस्त आय व्यय कर देगी परन्तु आप की भौ?क्या इस विषय में उस के मनोविचार ठीक हैं? क्या वर्तमान में उसमें ऐसे गुण हैं जिन पर निर्भर रहा जा सके? मुझे इसका बोध है कि यदि किसी का मन प्रेम और विवाह के विचारों के मोह में उलझ गया हो तो उपरोक्त परामर्श उससे ऐसे औ झल हो जाएंगे जैसे मानो इनका कोई परिणाम ही नहीं होता अपितु इन विषयों पर विशेष ध्यान दिया जावे क्योंकि आपके भविष्य जीवन से इनका भारी सम्बन्ध है.ककेप 172.2

    जब आप अपनी पत्नी का चुनाव करें तो आप उसके चरित्र पर अधिक ध्यान दें.क्या समय आपके माता-पिता को आप जैसे बलवान पुत्र के सहारे की आवश्यकता हो तब वह उनसे निश्चित रहेगी?क्या वह अपने निज मनोरंजक के हेतु अपनी योजनाओं की पूर्ति के लिए उसे उनकी सहभागिता से पृथक कर देगी कि माता-पिता एक स्नेहमयी पुत्री प्राप्त करने की अपेक्षा अपने पुत्र से भी हाथ धो बैंठे.ककेप 172.3

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