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कलीसिया के लिए परामर्श - Contents
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    अध्याय 55 - चिकित्सा सम्बन्धी कार्य

    चिकित्सा सम्बन्धी धार्मिक कार्य सुसमाचार का अग्रगामी कार्य है,यह वह द्वार है जिसके द्वारा वर्तमान सत्य को बहुत घरों में प्रवेश होना है.परमेश्वर के लोगों को वास्तविक चिकित्सा सम्बन्धी धार्मिक कार्यकर्ता बनना है;क्योंकि उन्हें देह और आत्मा दोनों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सौखना चाहिए. हमारे कर्मचारियों को उस ज्ञान और अनुभव के साथ जो उन्होंने व्यावहारिक कार्य द्वारा प्राप्त किया है जब बीमारों की चिकित्सा करने जाते हैं खालिस परस्वार्थ दिखलाना चाहिए.जब वे घरघर जाते हैं तो उनके लिए लोगों के हृदयों में जगह होगी. बहुत लोगों तक पहुंच हो जायगी जब किसी अन्य रीति से सुसमाचार का संदेश कभी न सुन पाते.स्वास्थ्य सुधार के नियमों के प्रदर्शन से हमारे सुसमाचार सम्बन्धी काम के प्रति पक्षपात की भावना को दूर करने में बड़ी भारी सफलता होगी.चिकित्सा सम्बन्धी मिशनरी काम का अविष्कारक महान चिकित्सक उन सब को आशीर्वाद देगा जो इस समय के सत्य को इस प्रकार प्रचार करना चाहते हैं.ककेप 314.1

    सुसमाचार की आज्ञा के साथ शारीरिक रोग निवृत्ति जुड़ी हुई है.जब मसीह ने शिष्यों को प्रथम मिशनरी यात्रा में भेजा तो उसने यह आदेश दिया, और चलते चलते प्रचार कर कहो कि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है.बीमारों को चंगा करो,मरे हुआ को जिलाओं;रोगियों को शुद्ध करो;दुष्ट आत्माओं को निकालो.’’(मत्ती 10:78)ककेप 314.2

    इस ईश्वरीय आदेश के सुधार की कोई आवश्यकता नहीं है.मसीह के सत्य पेश करने के तरीके में कोई सुधार नहीं किया जा सकता.त्राणकर्ता ने शिष्यों को व्यावहारिक पाठ दिये और उन्हें सिखलाया कि आत्माओं को सत्य में आनन्दित रखने के लिए किस किस रीति से कार्य करना चाहिए.उसने थके मांदों, बोझ से दबे हुओं के तथा कुचले हुओं साथ सहानुभूति प्रगट की.उसने भूखों को खाना खिलाया और बीमारों को अच्छा किया. वह लगातार भलाई करता गया. भलाई के द्वारा,प्यारे प्यारे शब्दों तथा दया के कार्यों द्वारा अपने सुसमाचार का लोगों में अनुवाद कर दिखाया.उसने सुसमाचार का भाषान्तर लोगों में किया.ककेप 314.3

    मनुष्य के प्रति मसीह का काम समाप्त हुआ. आज भी जारी है.उसी रीति से उसके राज्य दूतों को सुसमाचार का प्रचार करना चाहिए और उसके करुणामय प्यार की खोई हुई तथा नाश होने वाली आत्माओं को प्रगट करना चाहिए. उनके लिए जिन्हें मदद की आवश्यकता है परस्वार्थ हित दिखलाने के द्वारा उन्हें सुसमाचार के सत्य का व्यावहारिक प्रदर्शन करना चाहिए.इस काम में केवल उपदेश सुनाने से कहीं ज्यादा शामिल है जगत को सुसमाचार देना.यही काम है जिसे परमेश्वर ने उनको दिया है जो उसके नाम में प्रचार करने जाते हैं.उन्हें परमेश्वर का सहकारी बनना है और नाश होने वालों पर उसके मृदु करुणामय प्रेम को प्रगट करना.परमेश्वर हजारों को काम करने को बुलाया है उनको प्रचार द्वारा नहीं जो इस समय के सत्य को जानते हैं पर उनको चितावनी देकर बुलाता है जिन्होंने करुणा के अन्तिम संदेश को नहीं सुना है.आत्माओं के लिए उत्सुक इच्छा से भरे दिल से काम कीजिए.चिकित्सा सम्बन्धी धार्मिक कार्य कीजिए. इस प्रकार आप की पहुंच लोगों के हृदय तक होगी और सत्य को निश्चित घोषणा के लिए मार्ग तैयार किया जायगा.ककेप 314.4