Loading...
Larger font
Smaller font
Copy
Print
Contents
कलीसिया के लिए परामर्श - Contents
  • Results
  • Related
  • Featured
No results found for: "".
  • Weighted Relevancy
  • Content Sequence
  • Relevancy
  • Earliest First
  • Latest First

    “जैसा मैं ने तुम्हें प्यार किया है वैसा तुम एक दूसरे को प्यार करो’‘

    मनुष्य के सृष्टिकर्ता के लिए परमेश्वर ने अपना हिस्सा पूर्ण कर लिया है और अब वह कलीसिया से सहयोग की माँग करता हैं.एक तरफ तो मसीह का लोहु सत्य का वचन और पवित्र आत्मा है और दूसरी तरफ नाश होने वाली आत्माएं हैं.प्रत्येक मसीह के शिष्य का कर्तव्य है कि लोगों को लाए कि वे स्वर्गीय आशीषों की ग्रहण करें.आइये हम अपने आप को निकटस्थ रुप से जाँचे और देखें कि हमने यह काम किया है या नहींआइये हम अपने जीवन के अभिप्राय तथा कार्य की जाँच करें.ककेप 117.1

    क्या हमारे स्मृति भवन में आई नापसंद तस्वीरें तो नहीं लटक रहों है? अवसर आप को योशु से क्षमा मांगने की जरुरत महसूस हुई होगी.आप उसके प्यार व दया पर लगातार आसरा रखते रहें होंगे.तोभी क्या आप भावना को जिसे मसौह ने आपकी ओर प्रकट किया दूसरों की ओर प्रकट करने में असमर्थ रहे? क्या आपने उस आत्मा के लिए जो निषिद्ध मार्ग पर चलने का साहस कर रही है हृदय में कोई दायित्व महसूस किया?क्या आप ने उसे मेहरबानी के साथ समझाया? क्या आप उसके लिए रोये,क्या आप ने उसके साथ और उसके लिए प्रार्थना की? क्याआप ने कोमल शब्दों मेहरवानी के कार्यों से प्रकट किया कि आप उसको प्यार करते और उसको बचाने की इच्छा रखते हैं.ककेप 117.2

    जब आप उन लोगों से सरोकार रखते जो अपने स्वभाव की दुर्बलताओं तथा दूषित आदतों के बोझ के नीचे गिरते तथा लड़खड़ाते है और जब आप उनकी मदद का हाथ दे सकते थे तो क्या आप ने उन्हें अपने युद्ध लड़ने को अकेले ही छोड़ दिया है.क्या आप घोर प्रलोभनों में पड़े हुओं को एक ओर छोड़ के दूसरी ओर नहीं निकल गये जब कि दुनिया उसके संग सहानुभूति दिखाने को तैयार खड़ी रहो कि उनको शैतान के जाल में फसाँये? क्या आप कैन की तरह यह कहने को तैयार नहीं थे?... “क्या मैं अपने भाई रखवाला हूँ’ (उत्पत्ति 4:9)ककेप 117.3

    आपके जीवन के कार्य को कलीसिया का बड़ा सरदार किस दृष्टि से देखेगा?जिसको अपने लोहु से खरीदी हुई प्रत्येक आत्मा कीमती है वह उनकी ओर आपकी इस लापरवाही पर जो सत्यमार्ग से भटक रहे हैं किस भाव से दृष्टि करेगा? क्या आप को डर नहीं है कि जिस प्रकार आप उनको छोड़ दे रहे हैं वह भी आप को छोड़ देगा.निश्चय जानिये कि उस में जो परमेश्वर के गृह का सच्चा रखवाला है प्रत्येक लापरवाही को ध्यान दिया.ककेप 117.4

    अभी भी देर नहीं हुई है कि भूतकाल की गलती को दुरुस्त कर लिया जाय.पहिले प्रेम तथा उत्सुकता का पुनर्जीवन होना चाहिये.उनको ढूंढ लाइये जिन्हें आप ने निकाल भगाया है;जिन घावों को आप ने लगाया है उनकी इकरार के साथ मलहम पट्टी कीजिए.करुणामय महान् हृदय के निकट आइये और उस ईश्वरीय करुणा की धार अपने हृदय में और फिर अपने हृदय से दूसरों के हृदयों तक बहने दीजिये.जो मृदुभाव तथा करुणा यीशु ने अपने जीवन में प्रकट किये वे हमारे लिये एक नमूना हो कि हम अपने साथियों के संग वैसा ही बर्ताव करें विशेषकर उनके संग जो मसीह में हमारे भाई हैं.ककेप 117.5

    जीवन संघर्ष में अनेक मूर्छित होकर निरुत्साह हो गये हैं उनको खुशी व साहस का एक ही शब्द जय पाने के लिए बलवंत बना डालता.कभी कोठर, रुखा तथा सहानुभूतिहीन और दोष ढूंढने वाला न बनिये.कभी ढाढ़स दिलाने वाला तथा आशी सृजन करने वाला शब्द कहने का अवसर न चूकिये.हमारे कृपालू वचन,हमारे मसीह सदृश प्रयत्न किसी के बोझ को हल्का करने में कितना गहरा प्रभाव डालेंगे हम बता नहीं सकते.नम्रता, कोमलता तथा प्रेम के बिना विजयगामी का किसी तरह उद्धार नहों किया जा सकता है.ककेप 118.1