Loading...
Larger font
Smaller font
Copy
Print
Contents
कलीसिया के लिए परामर्श - Contents
  • Results
  • Related
  • Featured
No results found for: "".
  • Weighted Relevancy
  • Content Sequence
  • Relevancy
  • Earliest First
  • Latest First

    परिवार में पवित्रतम घंटे

    सब्बत स्कूल तथा आराधना की सभा में सब्बत को एक अंश व्यतीत होता है. शेष भाग भी सब्बत के सम्पूर्ण घंटों में सब से पवित्र तथा मूल्यवान बनाये जा सकते हैं. इस समय का अधिकाशं भाग मातापिता को अपने बच्चों के साथ व्यतीत करना चाहिये. अनेक परिवारों में बच्चों को अपने मन बहलाव की सामग्री आप ही ढूंढनी पड़ती है. बालकों को अकेले छोड़ देने से वे व्याकुल हो जाते हैं और किसी न किसी प्रकार की शरारत में फंस जाते हैं. इस प्रकार सब्बत उनके लिए विशेष पवित्रता का कारण नहीं रहता.ककेप 46.6

    अच्छे मौसम में माता-पिता को अपने बालकों के साथ खेतों अथवा बागों में टहलने जाना चाहिए. प्रकृति की सुन्दर वस्तुओं के बीच उनसे सब्बत के स्थापन होने के कारण बतलाइये. उनको सृष्टि रचना के महान कार्य के विषय में वर्णन कीजिए. उनको बतलाइये कि जब पृथ्वी परमेश्वर के हाथ से निकली तो वह पवित्र तथा सुन्दर थी. प्रत्येक फूल,झाड़ी व वृक्ष सृष्टिकर्ता के प्रयोजन का उत्तर था. जिस किसी पदार्थ पर दृष्टि पड़ी वह शोभायमान दिखाई देता और हृदय को परमेश्वर के प्यार से भर देता था. प्रत्येक स्वर मानो परमेश्वर की आवाज के साथ मिलकर एक राग बन जाता था. उनको बतलाइये कि पाप की वजह से परमेश्वर का मनोहर कार्य बिगड़ गया और काँटे और ऊँट कटरे, शोक, दर्द तथा मृत्यु परमेश्वर की आज्ञा उल्लघंन के परिणाम हैं. उनको दिखलाइये कि यद्यपि पृथ्वो पाप के श्राप से बिगड़ गई. फिर भी परमेश्वर के प्यार को प्रगट करती है. हरे-हरे खेत,ऊंचे वृक्ष, सुन्दर धूप, मेघ, ओस, रात्रि की गम्भीर खामोशी, आकाश में तारों का तेज तथा चन्द्रमा का सौंदर्य ये सब सृजनहार की साक्षी देते हैं, मेंह की बूंदे, कृतघ्न संसार के ऊपर पड़नेवाली प्रकाश की किरणों परमेश्वर के प्रेम तथा सहनशीलता की साक्षी देतो हैं.ककेप 47.1

    उनसे मुक्ति मार्ग का वर्णन कीजिये कि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे,वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए, (यूहन्ना 3:16)ककेप 47.2

    बैतलहम की मधुर कहानी फिर से बतलाई जाय, बालकों के सामने यीशु बालक का वर्णन कीजिये कि वह अपने माता-पिता का आज्ञाकारी रहा, यीशु युवक का वर्णन कीजिये कि वह विश्वास योग्य तथा परिश्रमी था और अपने परिवार के पालन पोषण में सहायता करता था. इस प्रकार आप उनको सिखला सकते हैं कि त्राणकर्ता युवकों को परीक्षाएं, कठिनाइयां, संकट, आशा व खुशियों से भली भांति परीचित है और वह उनकी सहानुभुति व सहायता कर सकता है. समय-समय पर बाइबल के इतिहास से मनोरंजक कहानियों को पढ़कर सुनाइये. उनसे प्रश्न कीजिये कि सब्बत स्कूल में उन्होंने क्या-क्या सीखा और अगले सब्बत का पाठ उनके साथ पढ़िये.ककेप 47.3

    सब्बत के दिन समस्त परिवार को अपने को परमेश्वर को समर्पण करना चाहिये, आज्ञा में वे सब सम्मिलित हैं जो हमारे फाटकों के अन्दर है;घर के अन्दर रहने वाले सब के सब अपने सांसारिक कार्य को अलग करें और पवित्र घड़ियों को भक्ति में लगावें, सब के सब परमेश्वर के पवित्र दिन में सहर्ष सेवा के साथ उसका आदर करने संगठित होवें.ककेप 47.4